शहर के मिठाई दुकानों में प्रशासन का छापा, दुकानदारों में मचा हड़कंप

शहर के मिठाई दुकानों में प्रशासन का छापा, दुकानदारों में मचा हड़कंप
फोटो- मिठाई दुकानों से सैंपल इकट्ठा करती प्रशासनिक टीम

- धावा दल ने बक्सर के आधा दर्जन से अधिक मिठाई दुकानों से मिठाई के सैंपल एकत्रित कर नमूने को जांच के लिए भेजा

- सदर एसडीओ के निर्देश पर की गई कार्रवाई

केटी न्यूज/बक्सर 

नकली मावा व छेना से बनी मिठाइयों के प्रति बक्सर प्रशासन सख्त हो गया है। मंगलवार को बक्सर सदर एसडीओ धीरेन्द्र कुमार मिश्र के निर्देश पर गठित धावा दल ने कुल सात मिठाई दुकानों पर जाकर अलग अलग मिठाईयों के सैंपल लिए है तथा उन्हें सील कर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा है। धावा दल में बक्सर एमओ के साथ ही खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार, श्रम प्रवर्तक पदाधिकारी संदीप कुमार शामिल थे। पदाधिकारियों की टीम सबसे पहले बक्सर चौक स्थित निब्बस मिष्ठान भंडार पहुंची जहा से काला कंद का सैंपल लेकर उसे प्रयोगशाला में भेजने के लिए दुकानदार के सामने ही सीलबंद किया गया। इसके बाद बारी बारी से यह टीम मेन रोड के सत्यदेवगंज स्थित माखन भोग से काजू बरफी का नमूना, यमुना चौक स्थित महर्षि मिष्ठान भंडार से पापड़ी का नमूना, गोलंबर चौक के पास स्थित बालाजी स्वीट्स से मिल्क केक का नमूना, गोलंबर चौक के पास स्थित गंगा भोग मिष्ठान भंडार से बुंदिया लड्डू का नमूना, इसी के बगल में स्थित अमृत स्वीट्स से पेड़ा का नमूना तथा स्टेषन रोड के गंगोत्री स्वीट्स से बेसन के लड्डू के नमूना को सीलबंद पटना भेजा है। एसडीओ को दिए प्रतिवेदन में अधिकारियों ने बताया है कि सभी दुकानों पर व्यवसायिक गैस सिलेंडर का उपयोग किया जा रहा था। लेकिन किसी भी दुकानदार ने इसका रशीद टीम को नहीं दिया है। 

दीपावली धड़ल्ले से बेचे जाते है नकली खाद्य पदार्थ 

जानकारों की मानें तो दीपों के पर्व दीपावली में बड़े पैमाने पर मिठाईयों की डिमांड होती है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए मिठाई के थोक व्यवसायी तथा खुदरा दुकानदार धड़ल्ले से नकली मावा, छेना सहित अन्य नकली पदार्थो का उपयोग कर ग्राहकों का आर्थिक दोहन करते है। व्यवसायियों की इस मनमानी से ग्राहक पूरा पैसा देने के बावजूद नकली पदार्थों को खाने को मजबूर होते है। दीपावली के अलावे सामान्य दिनों में भी नकली पदार्थो से बनी मिठाइयां खूब बिकती है। इस मुद्दे पर प्रशासनिक चुप्पी से दुकानदारों का मनोबल बढ़ा रहता है। सबसे अधिक शिकायत मिल्क केक तथा कालाकंद की होती है। इसके अलावे बेसन की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए जाते है। लेकिन सभी दुकानों पर एक जैसी मिठाईयां होने से उनकी पहचान करना ग्राहकों के बस की बात नहीं होती है। जिस कारण ग्राहक असली के भाव में नकली सामन खरीद लेते है।  

स्वास्थ के लिए नुकसानदेह है नकली मिठाईयां

नकली मिठाइयां स्वास्थ के लिए अति नुकसानदेह है। इसके सेवन से स्वास्थ को बड़ा नुकसान पहुंचता है। जानकारों का कहना है कि इसमें कई तहर के ऐसे पदार्थ भी होते है जिनके लगातार सेवन से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। लेकिन अधिक मुनाफा के चक्कर में दुकानदार इसकी बिक्री से बाज नहीं आ रहे है। जिसके सेवन से लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में भी आ रहे है। जानकारों की मानें तो दुकानों पर बिकने वाली रंग बिरंगी मिठाईयां मीठे जहर के समान है।