प्राचार्य की मौत के बाद टूटी ग्रामीण कार्य विभाग की तंद्रा, अकालुपुर की जर्जर पुलिया तोड़ने की कवायद शुरू
अकालुपुर गांव के पास डुमरांव राजवाहा मार्ग पर बनी जर्जर पुलिया से गिर सोमवार को डीके मेमोरियल कॉलेज डुमरी के प्राचार्य की मौत हो गई थी, वहीं, इस हादसे में एमवी कॉलेज के प्राचार्य समेत तीन अन्य प्राचार्य जख्मी हुए थे।

- वैकल्पिक मार्ग के लिए बनाया जा रहा है डायवर्सन, मौजूद रहे विधायक व ग्रामीण कार्य विभाग तथा सिंचाईं विभाग के इंजिनियर
- सोमवार को जर्जर पुलिया से नीचे गिरी थी स्कार्पियो, डीके मेमोरियल कॉलेज डुमरी के प्राचार्य की हुई थी मौत
केटी न्यूज/डुमरांव
अकालुपुर गांव के पास डुमरांव राजवाहा मार्ग पर बनी जर्जर पुलिया से गिर सोमवार को डीके मेमोरियल कॉलेज डुमरी के प्राचार्य की मौत हो गई थी, वहीं, इस हादसे में एमवी कॉलेज के प्राचार्य समेत तीन अन्य प्राचार्य जख्मी हुए थे।
इस हादसे के बाद व डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह की अनुशंसा पर आखिरकार ग्रामीण कार्यविभाग की तंद्रा टूटी तथा विभाग ने गुरूवार को इस जर्जर पुलिया को तोड़ने की कवायद शुरू कर दी। इसके तहत वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए पहले डायवर्सन निर्माण का काम शुरू किया गया। इस दौरान स्थानीय विधायक के अलावे ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता, नहर विभाग के कनीय अभियंता समेत ग्रामीण कार्य विभाग के कई अन्य कर्मी व संवेदक मौजूद थे। विभाग का का मानना है कि यहां नया पुल बनने में करीब एक से डेढ़ माह का समय लगेगा, ऐसे में विधायक डॉ अजित कुमार सिंह ने ग्रामीण कार्य विभाग को निर्देश दिया कि तब तक के लिए पुल को तोड़कर डायवर्सन बनाएं।
कोरानसराय से ढकाईच तक 13.5 किलोमीटर लंबी सड़क की मिल चुकी है स्वीकृति
इस संबंध में आरडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार व नहर विभाग के जेई श्याम कुमार मधुकर ने बताया कि डुमरांव राजवाहा के किनारे बने मार्ग के मरम्मत की स्वीकृति व वर्क ऑर्डर मिल चुका है। कोरानसराय से ढकाईच तक करीब 13.5 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण की योजना स्वीकृत हो गई है। प्राक्कलन में राजवाहा मार्ग के साथ ही जर्जर पुलियों के मरम्मत का प्रस्ताव भी है।
यह काम शीघ्र शुरू होने वाला है। इसी बीच अकालुपुर के पास अंग्रेजों के जमाने की बनी पुलिया काफी जर्जर हो गई है तथा इसके दोनों किनारे की रेलिंग टूट गई है, जिस कारण यहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही है। विधायक की अनुशंसा पर तत्काल यहां डायवर्सन बनाया जा रहा है तथा डायवर्सन बनने के बाद जर्जर पुलिया को तोड़ा जाएगा। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि लगभग डेढ़-दो महीना में पुलिया का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। तबतक इसी डायवर्सन से लोगों की आवाजाही होगी।
बोले विधायक लगातार सदन में उठा रहा हूं सवाल, उदासीन बनी है सरकार
मौके पर मौजूद स्थानीय विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह ने कहा कि वे लगातार क्षेत्र की जर्जर सड़के व पुल पुलियां के निर्माण की आवाजे उठाते रहे है, लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिसका नतीजा है कि अकालुपुर पुलिया के समीप हाल के दिनों में आधा दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी है तथा हादसे में एक प्राचार्य की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 के बाद इसका जीर्णाेद्धार नहीं हुआ था, जो सरकार व प्रशासन की उदासीनता का प्रमाण है। इस दौरान इस पुलिया पर कई दुर्घटनाएं हुई, लेकिन विभाग, प्रशासन व सरकार मौन साधे रही।
विधायक ने कहा कि लगातार विधानसभा में प्रश्न उठाते रहने के बाद आखिरकार उनकी बातों को सुना गया और अनुमंडल के 247 किलोमीटर की लंबाई वाली कुल 114 सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिली। इन जर्जर सड़कों पर 189 करोड़ रुपए खर्च होने है, जिसमें अकालुपुर की जर्जर पुलिया का निर्माण भी शामिल है। विधायक ने कहा कि हमने अपने प्रश्नों में अकालुपुर की जर्जर पुलिया के निर्माण की मांग को प्राथमिकता में रखा। सरकार पहले ही इसे स्वीकृति दे देती तो अबतक ये नौबत ही नहीं आती।