बेहतर काम मिला ईनाम, उत्कृष्ट कार्यों के लिए एसपी ने पांच थानाध्यक्ष समेत 19 अनुसंधानकर्ताओं को किया सम्मानित
बक्सर एसपी शुभम आर्य ने मार्च महीने में सर्वाधिक कांडों का निष्पादन करने वाले पांच थानाध्यक्षों व 19 अनुसंधानकर्ताओं को सम्मानित किया है। यह सम्मान मंगलवार की शाम एसपी के नेतृत्व में आयोजित मासिक अपराधिक गोष्ठी के दौरान मिला है।

- मासिक अपराधिक गोष्ठी के दौरान एसपी ने किया सम्मानित, थानाध्यक्षों को प्रशस्तिपत्र व अनुसंधानकर्ताओं को मिली नगद राशि
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर एसपी शुभम आर्य ने मार्च महीने में सर्वाधिक कांडों का निष्पादन करने वाले पांच थानाध्यक्षों व 19 अनुसंधानकर्ताओं को सम्मानित किया है। यह सम्मान मंगलवार की शाम एसपी के नेतृत्व में आयोजित मासिक अपराधिक गोष्ठी के दौरान मिला है।
जिन थानाध्यक्षों को सम्मानित किया गया है उनमें बक्सर नगर थाने के थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, डुमरांव थानाध्यक्ष शंभू कुमार भगत, इटाढ़ी थानाध्यक्ष सोनू कुमार, राजपुर थानाध्यक्ष संतोष कुमार व मुरार थानाध्यक्ष अमन कुमार शामिल है। वहीं, जिन 19 अनुसंधानकर्ताओं को सम्मानित किया गया है। उनमें चक्की थाने के मुनचुन बैठा, सोनवर्षा थाने के भगवान प्रसाद, राजपुर थाना के रविशंकर कुमार, बगेन गोला थाना के रामाशंकर तिवारी, राजपुर थाने के जयप्रकाश कुमार, रविन्द्रनाथ पाल,
अनिल कुमार राम, रंजित पासवान, अनिशा भारती, पप्पू कुमार, कृष्णाब्रह्म थाने के कपिलदेव राम, सुदर्शन राम, नगर थाने के अवधेश कुमार, मुरार थाना की ब्यूटि कुमारी, धीरज कुमार, धनसोई थाने के बाला लखिंदर सिंह, कुमार सुमित, नया भोजपुर थाने के अमृत लाल, नगर थाना बक्सर संतोष कुमार के नाम शामिल है।
सभी थानाध्यक्षों को प्रशस्ति पत्र जबकि अनुसंधानकर्ताओं को नगद पुरस्कार दिया गया है। एसपी ने बताया कि हर महीने मासिक गोष्ठी के दौरान कांडो की समीक्षा की जाती है तथा कांडो के निष्पादन में तेजी लाने का निर्देश दिया जाता है, लेकिन बेहतर काम करने वालों को पुरस्कृत करने से और पुलिस पदाधिकारियों को भी बेहतर काम करने की प्रेरणा मिलेगी तथा इससे जिले में अपराध नियंत्रण, शराब तस्करी रोकने सहित विधि व्यवस्था संधारण का लक्ष्य पूरा होगा।
एसपी ने कहा कि आगे भी बेहतर काम करने वाले थानाध्यक्षों व पुलिस पदाधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि हाल के दिनों में जिले के विभिन्न थानों की पुलिस ने कांडो के अनुसंधान से लेकर उद्भेदन तक में काफी सफलता पाई है। इस दौरान कई बड़े अपराधिक घटनाओं का बहुत कम समय में उद्भेदन हुआ है।