चमकी बुखार के मरीजों को 102 एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे: डीएम

जिलाधिकारी सह जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत एईएस (चमकी बुखार) नियंत्रण एवं समुचित प्रबंधन हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुई। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया कि जिले के सभी प्रखंडों में आयोजित होने वाले आरोग्य दिवस (वीएचएसएनडी)

चमकी बुखार के मरीजों को 102 एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे: डीएम

- चमकी बुखार के नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक

- एईएस के प्रति बच्चों व अभिभावकों को जागरूक करने का दिया निर्देश

केटी न्यूज/बक्सर

जिलाधिकारी सह जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत एईएस (चमकी बुखार) नियंत्रण एवं समुचित प्रबंधन हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुई। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया कि जिले के सभी प्रखंडों में आयोजित होने वाले आरोग्य दिवस (वीएचएसएनडी)

दिवस पर आशा, एएनएम के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करेंगे। चमकी बुखार के मरीजों को 102 एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। सुअरबाड़ा से एक किलोमीटर परिधि में एवं महादलित टोला में विशेष ध्यान देना है। साथ ही, उन क्षेत्रों में 15 साल तक के बच्चों जो अप्रतिरक्षित हैं उन्हें भी वैक्सीनेशन कराएंगे।

जिला परिवहन पदाधिकारी को निदेशित किया गया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के लाभुकों के माध्यम से मरीजों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए दूरी के अनुसार नगद भुगतान भी किया जाएगा। साथ ही, सभी कार्यपालक पदाधिकारी को निदेशित किया गया कि आवश्यकतानुसार फाॅगिंग कराया जाए। विशेष कर सूअरबाड़ा एवं महादलित टोला के आस पास साफ सफाई अवश्य करवाया जाए।

इस क्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि प्राथमिक विद्यालयों में व्यापक रूप से प्रचार प्रसार कराना सुनिश्चित करेंगे। वहीं, अभिभावकों को भी विद्यालय के स्तर से इस बारे में अवगत कराएंगे। इसके अलावा जिला जनसंपर्क एवं सूचना पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि बैनर व पोस्टर के माध्यम से प्रचार प्रसार कराने का निर्देश दिया गया।

एक से 15 साल तक के बच्चों को हो सकती है बीमारी :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि एक से 15 वर्ष के कुपोषित बच्चों को, वैसे बच्चे जो धान के खेत के आसपास रहते हों, वैसे बच्चे जो जलीय पक्षी यथा सारस, बगुला, बत्तख के संपर्क में रहते हों, वैसे बच्चे जो गांव में सूअरबाड़ों के नजदीक रहते हो, वैसे बच्चे जो बिना भरपेट भोजन किये रात में सो जाते हों, वैसे बच्चे जो गर्मी के दिनों में बिना खाना पानी की परवाह किये धूप में खेलते हों, वैसे कुपोषित बच्चे जो कच्चे अथवा अधपके हुए लीची का सेवन करते हों एवं उपर्युक्त बच्चों में इस बीमारी के होने की संभावना ज्यादा होती है।

इन बातों का रखना होगा विशेष ध्यान :

1. खिलायें- बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलायें। यदि संभव हो तो कुछ मीठा भी खिलायें।

2. जगायें- रात के बीच में एवं सुबह उठते ही देखें कि बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं।

3. अस्पताल ले जायें- बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा दीदी को सूचित करते हुए तुरंत निः शुल्क 102 एम्बुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जायें।