अनुमंडलीय अस्पताल के सफाई एनजीओ ने एक दशक में किया है 1.70 लाख से अधिक का घोटाला- विधायक

अनुमंडलीय अस्पताल के सफाई एनजीओ ने एक दशक में किया है 1.70 लाख से अधिक का घोटाला- विधायक

- मामला आउट सोर्सिंग के तहत रखे गए सफाई मजदूरों के मानदेय भुगतान का

- श्रम विभाग के निर्देश पर खुला राज, घोटाले व महिला कर्मियों से अश्लील हरकत की शिकायत डीएम से करेंगे विधायक 

अनुमंडलीय अस्पताल में महिला सफाईकर्मियों के साथ होती है अश्लील हरकत, डीएम से शिकायत करेंगे विधायक

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में आउट सोर्सिंग के तहत सफाई कराने वाले एनजीओ ने पिछले एक दशक में सफाईकर्मियों के एक करोड़ 70 लाख 40 हजार रूपए का गबन किया है। इस बात का खुलासा श्रम विभाग के निर्देश पर मजदूरों का भुगतान नगद के बदले खाता में किए जाने के बाद हुआ है। सोमवार को डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुशवाहा के सामने जैसे ही मजदूरों ने

यह बात बताई तो विधायक आक्रोशित हो गए तथा बोले कि इसकी शिकायत डीएम से कर जांच करवाया जाएगा तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी। वही यह सवाल बिहार विधान सभा में भी उठाया जाएगा। इसके अलावे विधायक ने महिला सफाई कर्मियों के साथ एनजीओ के एक कर्मी द्वारा अश्लील हरकत किए जाने पर भी प्रबंधन को फटकार लगाते हुए डीएम से शिकायत करने को कहा है।

बता दें कि सोमवार को डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में आउट सोर्सिंग पर कार्यरत महिला सफाई कर्मियों की गुहार पर स्थानीय विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान सफाई कर्मियों ने खुलकर अपनी समस्याएं गिनवाई तथा विधायक को बताई कि वे इस अस्पताल में आउट सोर्सिंग के तहत सफाई का काम करती है। कुल 22 सफाईकर्मियों के नाम पर वेतन की निकासी होती है।

जबकि अस्पताल में एक दर्जन महिला सफाई कर्मियों के अलावे मात्र 2-3 पुरूष सफाई कर्मी ही मौजूद थे। जाहिर है करीब 8 सफाई कर्मियों के मानदेय का भुगतान सिर्फ कागजों पर ही किया जाता है। विधायक ने कहा कि महिला सफाई कर्मियों ने एनजीओ के एक कर्मी पर अश्लील हरकत करने तथा निर्धारित मानदेय से काफी कम पैसा देने का आरोप लगाया। विधायक ने बताया कि श्रम विभाग के निर्देश के पहले एनजीओ द्वारा सफाई कर्मियों को प्रतिमाह मात्र 4500 रूपया दिया जाता था। वही श्रम विभाग द्वारा उनके खाता में मानदेय भुगतान का

निर्देश दिया गया तब से 8500 रूपए प्रतिमाह दिया जा रहा है। विधायक ने कहा कि यह सिलसिला पिछले एक दशक से चल रहा था। एनजीओ द्वारा एक सफाईकर्मी को प्रतिमाह 4 हजार रूपया कम दिया जा रहा है। इस हिसाब से एक दशक में एक करोड़ 70 लाख 40 हजार रूपए का गबन एनजीओ द्वारा किया गया है।

सफाईकर्मियों ने कटौती किए गए पैसा दिलवाने की लगाई गुहार 

सफाई कर्मियों ने विधायक के सामने पूर्व में एनजीओ द्वारा कटौती किए गए रूपयों के भुगतान की मांग के साथ ही कुछ कर्मियों को निकाले जाने का विरोध कर रही थी। उन्होंन महिला सफाई कर्मियों के साथ अश्लील हरकत किए जाने को गंभीर मामला बताते हुए कहा कि इसकी शिकायत डीएम से की जाएगी तथा विधानसभा में भी सवाल उठाया जाएगा। विधायक ने कहा कि महिला सफाई कर्मियों को उचित मानदेय व सम्मान दोनों देना होगा।

वही उन्होंने कई अन्य बिंदुओं पर भी अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाई। इस दौरान मौके पर उपस्थित सामाजिक सह आरटीआई कार्यकर्ता हरेकृष्ण यादव ने विधायक का ध्यान अस्पताल में संचालित अल्ट्रा साउंट पर कराया तथा बताया कि अस्पताल में सिर्फ गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रा साउंड किया जा रहा है। जिस पर विधायक ने कहा कि यह सवाल भी सदन में उठाया जाएगा। विधायक के निरीक्षण के दौरान अस्पताल कर्मियों की मुश्किलें बढ़ी रही। वही इस दौरान महिला सफाई कर्मियों की शिकायत की चर्चा भी होते रही।

सीएस ने किया निरीक्षण

विधायक के बाद बक्सर सीएस सुरेशचंद्र सिन्हा भी अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल में चल रहे सप्ताहिक बंध्याकरण व प्रसूताओं के ऑपरेशन का निरीक्षण किया तथा कर्मियों को ऑपरेशन थियेटर की साफ सफाई, मरीजों का गुणवत्तापूर्ण इलाज सहित कई बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट कराया। इस दौरान डीएम सीएस कई बिंदुओं पर काफी सख्त दिखे। सीएस ने बताया कि प्रसूताओं को डिलीवरी के बाद छह माह तक आयरन व कैल्सियम की गोली देना है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा इसमें लापरवाही बरती गई है। वही उन्होंने बताया कि काउंसल कलीम अख्तर द्वारा परिवार नियोजन परामर्श नियोजन रजिस्टर का संधारण नहीं किया गया था। सीएस ने उससे शो कॉज पूछा है। सीएस ने इन लापरवाहियों को गंभीर मामला बताते हुए प्रबंधन को अविलंब सुधार लाने का निर्देश दिया।