शिक्षा दान व असहायों की मदद है सर्वोपरि दान - सरोज सिंह

बक्सर के बाईपास रोड स्थित बिहार सेंट्रल स्कूल परिसर में शुक्रवार को एक समारोह आयोजित कर 50 चयनित जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया गया। यह वितरण देवी राजमातो राम छबीला एजुकेशनल एंड चौरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस दौरान विद्यालय की उपनिदेशक उर्मिला सिंह व सचिव सरोज सिंह मौजूद रहे।

शिक्षा दान व असहायों की मदद है सर्वोपरि दान - सरोज सिंह

- बिहार सेंट्रल स्कूल प्रबंधन ने 50 जरूरतमंदों के बीच वितररित किया कंबल, देवी राजमातो राम छबीला एजुकेशनल एंड चौरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान आयोजित हुआ था समारोह

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर के बाईपास रोड स्थित बिहार सेंट्रल स्कूल परिसर में शुक्रवार को एक समारोह आयोजित कर 50 चयनित जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया गया। यह वितरण देवी राजमातो राम छबीला एजुकेशनल एंड चौरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस दौरान विद्यालय की उपनिदेशक उर्मिला सिंह व सचिव सरोज सिंह मौजूद रहे।  

अपने संबोधन में सचिव सरोज ने कहा कि दो तरह के दान को सर्वाेपरि माने जाता हैं, जिसमें पहला शिक्षा का व दूसरा है असहायों की मदद, चाहे वह किसी भी रूप में असहाय क्यों न हो। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट द्वारा हर वर्ष ठंड के मौसम में जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण किया जाता है। उन्होंने समाज के सामर्थ्यवान लोगों से जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की और कहा कि आपके थोड़ा से सहयोग से किसी की जिंदगी खुशहाल हो सकती है। 

इस दौरान ट्रस्ट के द्वारा पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। 

पौधरोपण के बाद विद्यालय की उर्मिला सिंह ने कहा कि जब तक हम प्रकृति से नहीं जुड़ेंगे तो आने वाले समय में हम अपने जीवन रूपी पौधे को नहीं बचा पाएंगे। उन्होंने प्रकृति संरक्षण व उसके संवर्द्धन के लिए जागरूकता फैलाने पर बल दिया। उन्हांेंने कहा कि नई पीढ़ी को एक स्वस्थ सुंदर प्रकृति देने के लिए हमें अभी से भी अपने जीवन में अधिक से अधिक पौधा लगाने तथा उसके संरक्षण की आदत डालनी होगी तथा दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना होगा।

कंबल पाने वाले जरूरतमंदों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। सरोज ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि देश में आज भी ऐसे लोग है, जिनके पास इस भीषण ठंड में भी तन ढंकने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े नहीं है। उन्होंने कहा कि हमे शासन-प्रशासन व सरकार को दोष देने के बजाय खुद ही ऐसे लोगों के मदद की आदत डालनी चाहिए। ऐसा कर हम समाज के नीचले पायदान के लोगों की जिंदगी सुखमय बना सकते है। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक सामर्थ्यवान अपने जीवन में एक जरूरतमंद की भी मदद करें तो किसी को मुलभूत आवश्यकताओं के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। मौके पर स्कूल के शिक्षक, छात्र, अभिभावक व ट्रस्ट के ट्रस्टी मौजूद थे।