मैट्रिक परीक्षा के दौरान अचानक बीमार हुई आधा दर्जन छात्राएं, मचा हड़कंप
मैट्रिक परीक्षा के दौरान राज हाई स्कूल परीक्षा केन्द्र पर करीब आधा दर्जन छात्राएं अचानक बीमार हो गई। छात्राओं में बेचैनी, घबड़हाहट होने लगी। छात्राएं कुछ देर के लिए बेहोश भी हुई। इसके बाद उनमें से दो छात्राओं को परीक्षा के बाद इलाज के लिए डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह वाकया शनिवार को द्वितीय पाली में संस्कृत विषय की परीक्षा के दौरान हुआ.......................
- बेचैनी का शिकार हो बेहोश हो जा रही थी छात्राएं, परीक्षा के बाद अनुमंडलीय अस्पताल में दो छात्राओं को कराया गया एडमिट
- राज हाई स्कूल परीक्षा केन्द्र पर द्वितीय पाली का है मामला
केटी न्यूज/डुमरांव
मैट्रिक परीक्षा के दौरान राज हाई स्कूल परीक्षा केन्द्र पर करीब आधा दर्जन छात्राएं अचानक बीमार हो गई। छात्राओं में बेचैनी, घबड़हाहट होने लगी। छात्राएं कुछ देर के लिए बेहोश भी हुई। इसके बाद उनमें से दो छात्राओं को परीक्षा के बाद इलाज के लिए डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह वाकया शनिवार को द्वितीय पाली में संस्कृत विषय की परीक्षा के दौरान हुआ।
उनके साथ परीक्षा दिलवाने बतौर अभिभावक आए दोनों छात्राओं के भाईयों ने बताया कि पहले दिन से ही उनके साथ ऐसी समस्याएं आ रही है। छात्राएं अचानक अजीब हरकत करने लगती है। मिली जानकारी के अनुसार नावानगर प्रखंड के रेड रोज गर्ल्स हाई स्कूल कड़सर की छात्राओं का परीक्षा केन्द्र राज हाई स्कूल बनाया गया है। जहां द्वितीय पाली में छात्राएं परीक्षा दे रही है।
शनिवार को परीक्षा के दौरान ही नीतू कुमारी पिता उमाशंकर चौधरी, पल्लवी कुमारी पिता अनिल गुप्तेश्वर ठाकुर के साथ ही करीब आधा दर्जन छात्राएं अचानक बीमार हो गई। परीक्षा कक्ष के अंदर वीक्षकों ने उन्हें जैसे तैसे संभाल परीक्षा दिलवाया। लेकिन वहां से बाहर निकलते ही उनकी हरकतें बढ़ने लगी।
जिसके बाद नीतू के भाई पंकज पटेल व पल्लवी के भाई अनिल कुमार उन्हें इलाज के लिए लेकर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे। पंकज ने बताया कि पहले दिन से ही उनके साथ यह समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा कि चार अन्य छात्राएं इसी तरह से अजीब हरकत कर रही थी। लेकिन, वे लोग अस्पताल आने के बजाय घर चली गई। पंकज की मानें तो इस बीमारी के कारण नीतू की एक परीक्षा भी छूट गई है।
डरी सहमी हुई थी छात्राएं
छात्राओं को देख ऐसा लग रहा था मानों वे डरी सहमी हुई है। शायद वे परीक्षा फोबिया की शिकार हो गई थी। जिस कारण उनके मन में डर बना हुआ था। उनके अजीबो गरीब हरकत के कारण अभिभावक भी परेशान दिखे। अभिभावकों का कहना है कि पहले दिन से ही वे ऐसा कर रही है। जिस कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कही उनके मन में परीक्षा केन्द्रों के अंदर बरती जाने वाली सख्ती का भय तो नहीं बन गया है।
कहते है चिकित्सक
शरीर में ग्लूकोज, सोडियम व पोटैशियम की कमी से घबड़ाहट, बेचैनी, शरीर में ऐठन व कभी-कभी बेहोशी तक हो जाती है। भूख के वजह से भी ऐसा होता है। प्राथमिक इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार हो गया। जिसके बाद छात्राओं को घर भेज दिया गया। - डॉ. बिरेन्द्र राम, चिकित्सक, अनुमंडलीय अस्पताल, डुमरांव