पूर्व सैनिकों को मिलेगा अब विधिक सुरक्षा का कवच, बक्सर में खुला कानूनी सहायता क्लिनिक
बक्सर के पूर्व सैनिकों और वीर परिवारों के लिए एक नई पहल की शुरुआत करते हुए जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में मुफ्त विधिक सहायता क्लिनिक की स्थापना की गई है। यह क्लिनिक उन सैनिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है,

केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर के पूर्व सैनिकों और वीर परिवारों के लिए एक नई पहल की शुरुआत करते हुए जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में मुफ्त विधिक सहायता क्लिनिक की स्थापना की गई है। यह क्लिनिक उन सैनिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है,
जिन्होंने देश की सेवा के दौरान न केवल अपना कर्तव्य निभाया, बल्कि कई बार अपने अधिकारों से भी वंचित रह गए। अब ऐसे पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को कानूनी पचड़ों से लड़ने के लिए न्याय का एक नया मंच मिला है। यह विधिक सहायता क्लिनिक बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर के तत्वावधान में स्थापित किया गया है।
वीर परिवार सहायक योजना के तहत यह केंद्र पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को पूरी तरह निःशुल्क कानूनी मदद देगा। क्लिनिक के उद्घाटन समारोह में पूर्व सैन्य अधिकारियों समेत बड़ी संख्या में सैनिक समुदाय के लोग उपस्थित रहे।
इस विधिक सहायता केंद्र का उद्घाटन करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव नेहा दयाल ने कहा कि “यह केंद्र न सिर्फ एक कानूनी मंच है, बल्कि यह देश की सेवा करने वाले वीर सैनिकों के प्रति हमारा सम्मान भी है। जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर देश की रक्षा की, उनके परिवारों को यदि किसी भी प्रकार की कानूनी मदद की आवश्यकता हो तो यह केंद्र उनके लिए हमेशा खुला रहेगा।”
केंद्र में कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए दो प्रमुख व्यक्तियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। वरिष्ठ पैनल अधिवक्ता श्री सेवानंद उपाध्याय को विधिक सलाह देने हेतु नियुक्त किया गया है, वहीं पारा विधिक स्वयंसेवक के रूप में श्री मनन सिंह भी यहां मौजूद रहेंगे, जो मामलों की प्राथमिक जानकारी और सहायता सुनिश्चित करेंगे। इस अवसर पर सेना से सेवानिवृत्त कैप्टन सतीश चंद्र पांडेय, जिला सैनिक पदाधिकारी, सूबेदार मेजर (सेवानिवृत्त) जयकुमार चौबे, नायक सूबेदार (सेवानिवृत्त) इंद्र मोहन झा समेत कई अन्य पूर्व सैनिक और उनके परिजन मौजूद थे।
उपस्थित सभी लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया।कैप्टन सतीश चंद्र पांडेय ने कहा कि विधिक सहायता केंद्र की शुरुआत एक अभूतपूर्व कदम है। अक्सर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले पूर्व सैनिकों को अपने हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ती है, लेकिन आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण वे पीछे रह जाते हैं। अब यह केंद्र उन्हें उचित मार्गदर्शन और कानूनी सहायता उपलब्ध कराएगा।
कार्यक्रम के दौरान पूर्व सैनिकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें कई बार जमीन, पेंशन, संपत्ति विवाद, पारिवारिक मामलों आदि में कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह सहायता केंद्र उनके लिए संबल का काम करेगा। यह केंद्र न सिर्फ कानूनी सलाह देगा, बल्कि यदि जरूरत पड़ी तो मुकदमे की पैरवी में भी सहायता प्रदान करेगा। इस तरह की पहल न केवल पूर्व सैनिकों को सशक्त बनाएगी बल्कि समाज में उनके सम्मान को और मजबूती देगी।