केसठ में निर्धारित वजन से कम लाभुकों को दिया जा रहा है राशन, वीडियो हुआ वायरल
सरकार के द्वारा गरीबों को मुक्त अनाज देने की योजना चलाई जा रही है, ताकि किसी भी गरीब का परिवार भूखे ना मरे। इसके लिए सरकार द्वारा जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को पारदर्शी तरीके से वितरण का सख्त निर्देश दिया गया है। जीरो टॉलरेंश नीति के तहत राशन वितरण करने को लेकर फरमान जारी किया गया है।
केटी न्यूज/केसठ
सरकार के द्वारा गरीबों को मुक्त अनाज देने की योजना चलाई जा रही है, ताकि किसी भी गरीब का परिवार भूखे ना मरे। इसके लिए सरकार द्वारा जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को पारदर्शी तरीके से वितरण का सख्त निर्देश दिया गया है। जीरो टॉलरेंश नीति के तहत राशन वितरण करने को लेकर फरमान जारी किया गया है। सरकार की ओर से हर माह मिलने वाला राशन ही मेहनतकश मजदूरों के लिए पेट पालने का सहारा है, लेकिन इस पर भी अब सिस्टम से जुड़े लोगों की नजर गड़ गई है। पीडीएस दुकानदार प्रति कार्ड धारकों से डेढ़ से दो किलो हर माह राशन की कटौती कर रहे हैं।
सूत्रों की माने तो ऐसा नहीं कि इसका फायदा सिर्फ पीडीएस को हो रहा है, इसमें ऊपर तक के अधिकारी शामिल हैं, एमओ से लेकर वरीय अधिकारियों तक राशन के कम तौल में साझेदार हैं। ये खुलासा तब हुआ जब एक युवक द्वारा गांव के ही पीडीएस दुकानदार के पास अपना कार्ड ले कर राशन लेने गया। जिसे दुकानदार द्वारा कम राशन दिया गया। युवक ने इसका वीडियो बना लिया। वीडियो में युवक द्वारा बताया जा रहा है कि मेरे कार्ड पर कुल 5 सदस्यों का नाम है और 5 सदस्यों को कुल मिलाकर 30 किलो राशन देना है, लेकिन वितरण कर्ता के द्वारा युवक को 23 किलो 200 ग्राम राशन दिया गया। युवक ने इसका वीडियो बना सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
हालांकि वीडियो केसठ के किस पीडीएस दुकानदार का है ये जांच का विषय है और केशव टाइम्स इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। युवक ने नाम नहीं लेने के शर्त पर मीडिया को दूरभाष पर बताया कि केसठ के लगभग सभी जन वितरण प्रणाली दुकानदारों द्वारा प्रति धारक से एक से दो किलो राशन काट कर दिया जाता है। अधिकारियों द्वारा यह बताया जाता है कि सभी धारकों को निर्धारित वजन में ही राशन का वितरण किया जा रहा है, लेकिन यह कितना सत्य है यह वीडियो वायरल होते ही पता चल रहा है। सरकार की लाख कोशिश के बाद भी जन वितरण प्रणाली के विक्रेता लाभुकों को सही मात्रा में अनाज का वितरण नहीं कर रहें हैं।
जांच में अधिकारी करते है कोरम पूरा
सरकार के निर्देश के आलोक में तथा जिलाधिकारी के देखरेख में प्रखंड क्षेत्र के सभी जन वितरण प्रणाली दुकानदारों का प्रखंड स्तरीय अधिकारियों द्वारा जांच किया जाता है। जांच के दौरान उन्हें यह जानकारी लेनी होती है कि लाभुकों को सही मात्रा में राशन मिल रहा है कि नहीं। किसी तरह का कोई कालाबाजारी तो नहीं हो रहा। मजे की बात यह है कि अधिकारी द्वारा भी केवल कागज पर ही जांच रिपोर्ट सही बना दिया जाता है। लेकिन धरातल की स्थिति की जानकारी नहीं ली जाती है। ऐसे में अगर लाभुक शिकायत भी करता है तो राशन से नाम हटाने की धमकी भी दी जाती है। सूत्रों की माने तो अधिकारी द्वारा भी जांच में केवल खाना पूर्ति की जाती है।
वायरल वीडियो के जांचोपरांत करवाई की जाएगी - बीडीओ
वायरल वीडियो के संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश बिहारी वर्मा ने बताया कि वीडियो सोशल मीडिया के जरिए हमने भी देखा है। वीडियो में एक युवक द्वारा बताया जा रहा है कि उसके कार्ड में 5 सदस्यों का नाम दर्ज है, लेकिन जन वितरण प्रणाली दुकानदार द्वारा निर्धारित वजन से कम राशन देने की बात की जा रही है। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो प्रखंड क्षेत्र का ही है, लेकिन यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि वीडियो को गहनता पूर्वक जांच करते हुए उस जन वितरण प्रणाली दुकानदार के ऊपर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।