भीषण गर्मी को देखते हुए किसानों को विभाग की सलाह, इस दिन से मिलेगी राहत
बिहार में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में लू की चेतावनी जारी की है। शनिवार को पटना और आसपास के इलाकों का मौसम शुष्क रहेगा, जबकि दक्षिणी भागों के बांका, नवादा, पूर्णिया, भागलपुर और गोपालगंज में लू का अलर्ट जारी किया गया है।
बिहार में पछुआ हवा के कारण तापमान में वृद्धि हो रही है, जिससे लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं। दोपहर के बाद बादलों के आने-जाने से उमस भरी गर्मी का अनुभव हो रहा है। उत्तरी भागों में कुछ स्थानों पर बारिश हो रही है, जबकि दक्षिणी भागों में गर्मी बढ़ रही है। मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि अगले 48 घंटों तक मौसम में कोई खास बदलाव की संभावना नहीं है, लेकिन 19 मई से लोगों को भीषण गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है।
चक्रवातीय परिसंचरण और मानसून की सक्रियता
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवातीय परिसंचरण क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के कारण 19 से 23 मई तक पटना समेत कई जिलों में मेघ गर्जन के साथ आंधी-पानी के आसार हैं। इस बदलाव से तापमान में गिरावट होगी और लोगों को भीषण गर्मी और लू से कुछ समय के लिए राहत मिलेगी। किसानों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, ताकि फसलों को नुकसान से बचाया जा सके।
प्रमुख जिलों में तापमान का हाल
शुक्रवार को पटना सहित 21 जिलों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया। पटना का अधिकतम तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो चार डिग्री बढ़ा है। अरवल जिला 43.7 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म रहा। पटना समेत 16 शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। कुछ इलाकों में बारिश भी हुई है, जिसमें बांका के बौसी में सबसे ज्यादा 14.8 मिमी, बांका में 13.2 मिमी, किशनगंज में 11.6 मिमी और कटिहार में 7.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं, शेखपुरा, जमुई, भोजपुर, बांका, नवादा, राजगीर और अरवल में लू की स्थिति बनी रही।
सावधानियां और सलाह
बाहर जाते समय उचित सावधानी बरतें और धूप से बचने के उपाय करें। विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों का खास ध्यान रखें।मौसम में बदलाव की संभावना को ध्यान में रखते हुए, मौसम विज्ञान केंद्र की सलाहों का पालन करें और सुरक्षित रहें। मौसम में हो रहे इस बदलाव का असर सिर्फ लोगों पर ही नहीं, बल्कि फसलों पर भी पड़ सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं।