लोकतंत्र की रीढ़ है स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता - डॉ. शशांक शेखर

स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता ही लोकतंत्र की रीढ़ है। डिजीटल मीडिया के इस वर्तमान युग में पत्रकारिता संक्रमण काल से गुजर रही है। एक तरफ जहां सूचनाओं के आदान प्रदान में तेजी आई है तो दूसरी तरफ फर्जी खबरे, सूचनाओं की प्रमाणिकता की कमी और पत्रकारों की सुरक्षा जैसे मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं।

लोकतंत्र की रीढ़ है स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता - डॉ. शशांक शेखर

- डुमरांव में पत्रकारों ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय प्रेस दिवस 

- पत्रकारिता क्षेत्र में आ रही चुनौतियों पर किया गया मंथन

केटी न्यूज/डुमरांव

स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता ही लोकतंत्र की रीढ़ है। डिजीटल मीडिया के इस वर्तमान युग में पत्रकारिता संक्रमण काल से गुजर रही है। एक तरफ जहां सूचनाओं के आदान प्रदान में तेजी आई है तो दूसरी तरफ फर्जी खबरे, सूचनाओं की प्रमाणिकता की कमी और पत्रकारों की सुरक्षा जैसे मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं।

उक्त बातें श्रीमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष डॉ. शशांक शेखर ने कही। मौका था शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर डुमरांव के अतिथि गृह में आयोजित पत्रकार सम्मेलन सह परिचर्चा का।इस दौरान वर्तमान समय में पत्रकारिता के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों के विषय पर पत्रकारों ने अपने विचार रखे। बैठक की अध्यक्षता डॉ. शशांक शेखर ने जबकि संचालन वरिष्ठ पत्रकार रंजीत कुमार पांडेय ने किया।

 

इस मौके पर जिले भर से आए विभिन्न बैनरों के पत्रकारों ने भाग लिया और पत्रकारिता के क्षेत्र में आ रही समसामयिक चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। अपने संबोधन में डॉ. शेखर ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता लोकतंत्र की रीढ़ है, लेकिन वर्तमान परिवेश में पत्रकारों पर बढ़ते दबाव, आर्थिक असुरक्षा और राजनीतिक हस्तक्षेप जैसे मुद्दे गंभीर चिंता का विषय हैं।

बैठक में उपस्थित अन्य पत्रकारों ने भी अपने-अपने अनुभव साझा किए। बैठक में वरीय सदस्य के रूप में मौजूद अजय सिंह ने कहा कि छोटी जगहों पर कार्यरत पत्रकारों को बुनियादी सुविधाओं और सुरक्षा का अभाव झेलना पड़ता है। कई बार सच्चाई को उजागर करने के प्रयास में पत्रकारों को धमकियों और हमलों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी कार्य-स्वतंत्रता प्रभावित होती है। 

इस मौके पर अरुण विक्रांत, अशोक कुमार, अरूण कुमार सिंह, त्रिलोकी नाथ पांडेय, जयमंगल पांडेय, रजनी कांत दूबे, सुजीत ओझा, अमित ओझा, आलोक कुमार सिन्हा, अमरनाथ केशरी, मनोज मिश्रा, सर्वेश पांडेय, राजू कुमार, रोहित कुमार, पीके बादल, विजय कुमार सिंह सहित अन्य कई मौजूद रहें।