गीत-संगीत की बहती रही सरिता, शहीदों को लोगों ने श्रद्धा के साथ याद किया

शहीदों की याद में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन कृषि कॉलेज के सभागार में आयोजित किया गया। इस मौके पर आए कलाकारों ने गीत-संगीत की ऐसी शमा बांधी की लोग झुमने पर मजबूर हो गए। वहीं देश भक्ति गीतों की सरिता में बहते रहे डुमरवासी।

गीत-संगीत की बहती रही सरिता, शहीदों को लोगों ने श्रद्धा के साथ याद किया

केटी न्यूज /डुमरांव

शहीदों की याद में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन कृषि कॉलेज के सभागार में आयोजित किया गया। इस मौके पर आए कलाकारों ने गीत-संगीत की ऐसी शमा बांधी की लोग झुमने पर मजबूर हो गए। वहीं देश भक्ति गीतों की सरिता में बहते रहे डुमरवासी।  मालूम हो कि 16 अगस्त सन् 1942 को डुमरांव थाना पर तिरंगा फहराने के दौरान चार जवान कपिलमुनी, रामदास सोनार, रामदास लोहार व गोपालजी शहीद हो गए थे।

उन्हीं की याद में हर साल शहीद दिवस मनाया जाता है और इस अवसर पर राजकीय समारोह का आयोजन किया जाता है। सुबह में जहां शहीदों को याद कर उनकी मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है और शहीद के परिजनों को सम्मानित किया जाता है, वहीं तिरंगा यात्रा और प्रभातफेरी निकाला जाता है। फिर संध्या में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम आयोजित होती है। इस वर्ष भी एक शाम शहीदों के नाम पर बाहर से कलाकारों को बुलाया जता है।

इसका आयोजन अनुमंडल प्रशासन करता है। इस मौके पर आए कलाकारों ने देश भक्ति गीत शुरूआत है प्रीत जहां की रीत सदा मैं गीत वहां का गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं भारत की बात बताता हूं। जैसे ही गाना शुरू हुआ हॉल तालियों से गुंज उठा। फिर हर करम अपना करेंगे, दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिये जैसे ही शुरू हुआ लोग खड़े हो गायक की हौसला अफजाई करते हुए देश भक्ति में डूब गए।

महिला कलाकर द्वारा कुछ फिल्मी लगमें सुनाए गए, जिसमें उसने सुनो सजना पपिहे ने पुकार कर कहा, संभल जाओं चमन वालों की आए दिन बहार के। जैसे ही गीत गाना शुरू किया लोग झुमने लगे। फिर दूसरे कलाकारों ने भोजुरी से लेकर हिन्दी फिल्मों के बेहतरीन गीतों को गाकर लोगों में देशभक्ति की जज्बा जगाते रहे। देर रात लोगों की फरमाईस पर भी फिल्मी गीतों से शमा बंधता रहा।

फिर कलाकार द्वारा चुटकिले को सुनाकर लोगों को जमकर हंसाया। मौके पर भूतपूर्व सैनिकों को भी आमंत्रित किया गया था, जो कार्यक्रम में समय देकर लोगों शहीदों के परिवार और लोगों को साहस दिया। मौके पर एसडीओ राकेश कुमार, एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी, बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ नप ईओ,शहीद स्मारक समिति कपिलमुनी द्वार के संयोजक संजय चंद्रवंशी, गोपाल प्रसाद गुप्ता, महेन्द्र राम, एस गांधी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।