बक्सर के निजी अस्पताल का अमानवीय चेहरा, दो माह के मासूम का इलाज कराने आए परिजनों को धक्का दे बाहर निकाला, डीएम ने लिया संज्ञान

नगर थाना क्षेत्र के बाईपास रोड में स्थित मां मुंडेश्वरी अस्पताल में, यूपी से अपने दो माह के मासूम बच्चे का इलाज कराने आये मरीज के परिजनों के साथ अस्पताल कर्मियों द्वारा अभद्रता किये जाने की शिकायत पर मामले डीएम ने संज्ञान लेते हुए सीएस को जांच करने का सख्त निर्देश दिया गया है।

बक्सर के निजी अस्पताल का अमानवीय चेहरा, दो माह के मासूम का इलाज कराने आए परिजनों को धक्का दे बाहर निकाला, डीएम ने लिया संज्ञान

केटी न्यूज/बक्सर 

नगर थाना क्षेत्र के बाईपास रोड में स्थित मां मुंडेश्वरी अस्पताल में, यूपी से अपने दो माह के मासूम बच्चे का इलाज कराने आये मरीज के परिजनों के साथ अस्पताल कर्मियों द्वारा अभद्रता किये जाने की शिकायत पर मामले डीएम ने संज्ञान लेते हुए सीएस को जांच करने का सख्त निर्देश दिया गया है। बता दे कि गुरुवार को यूपी के गाजीपुर जिले के महेन गांव निवासी नूर सब्बा खातून एवं नाहिद खान परिजनों के साथ अपने दो माह के बच्चे का इलाज कराने मा मुंडेश्वरी अस्पताल आये थे।

परिजनों ने बताया कि, बच्चे को एक इंजेक्शन देने के लिए एक ही हाथ मे 6-से 7 जगहों पर निडिल धंसाया जा रहा था। जिससे बच्चे का पूरा हाथ लहूलुहान हो गया। जिसका विरोध करते हुए हमलोगों ने सीनियर चिकित्सक से इंजेक्शन देने की बात कही गई। इस बात पर अस्पताल कर्मीयो ने, हमलोगों को जाती सूचक गाली देते हुए महिलाओं के गर्दन में हाथ लगाकर ढकेलना शुरू कर दिया। यह तक डंडे लेकर बाहर खदेड़ दिया। वही, इसकी शिकायत लेकर थाने गए तो अस्पताल के दबाव में प्राथमिकी भी दर्ज नही की गई। नाहिद खान ने बताया कि, जिस समय हमलोग ने थाने में अपना आवेदन दिया। उस समय एसआई संजय विकास त्रिपाठी ड्यूटी में तैनात थे जिन्हें हमलोगों ने लिखित शिकायत की है। जब हमलोगों ने पूछा कि कब तक एफआईआर दर्ज होगा तो पुलिस टाल मटोल करने लगी।

हालांकि, मरीज के परिजनों के आरोप के बाद, हमने नगर थाना अध्यक्ष की सरकारी नम्बर पर फोन की, लेकिन छठ घाट का निरक्षण करने में व्यस्त होने के कारण उन्होंने थाने पहुंचने के बाद जानकारी देने की बात कही गई। इस मामले में मीडिया द्वारा डीएम से पूछने पर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बताया कि, मीडिया कर्मीयो के द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है की जांच के बाद उचित कार्रवाई करे। जिले के दोनों अनुमंडलों में अब तक 30-35 निजी अस्पतालों पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही सभी को सील कर दिया गया है। और यह कार्रवाई आगे भी चलता रहेगा।