मार्केट में आया नया आलू,जिसे ढूंढने में लगे 9 साल

आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है बावजूद इसके डॉक्‍टर आलू से दूरी बनाने को कहते है।

मार्केट में आया नया आलू,जिसे ढूंढने में लगे 9 साल
Kufri Jamuniya

केटी न्यूज़/दिल्‍ली

आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है बावजूद इसके डॉक्‍टर आलू से दूरी बनाने को कहते है।स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर जागरूक लोग खुद ही आलू खाने से परहेज करते हैं।अब एक ऐसा आलू बाजार में आने वाला है,जिसे डॉक्‍टर साहब भी खाने के लिए कहेंगे।इस आलू की खोज इंडियन एग्रीकल्‍चर रिसर्च इंस्‍टीट्यूट ने की है।प्रधानमंत्री द्वारा एक दिन पूर्व लांच की गयी 109 किस्‍मों में से यह भी एक है।

इस आलू का नाम कुफरी जामुनिया।कुफरी जामुनिया बैंगनी गूदे वाली एंटी-ऑक्सीडेंट और एंथोसायनिन से भरपूर आलू की किस्म है। इसके 100 ग्राम गूदे में हाई एंटी-ऑक्सीडेंट यानी विटामिन सी , एंथोसायनिन, कैरोटीनॉयड होते हैं।इस वजह से स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभदायक है।यह एक 90-100 दिन में तैयार होने वाली किस्म है और जो आकर्षक गहरे बैंगनी लंबे अंडाकार है। इसकी पैदावार 32-35 टन प्रति हेक्टेयर है और सामान्‍य आलू की तुलना भंडार ज्‍यादा दिनों तक किया जा सकता है।इसका स्‍वाद सामान्‍य आलू की तुलना में बेहतर होता है।

पूसा के केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, मोदीपुरम, उत्‍तर प्रदेश द्वारा खोजी आलू की इस नई किस्‍म का नाम कुफरी जामुनिया है।इस किस्‍म को खोजने में करीब 9 साल लग गए।वर्ष 2015 से इसकी शुरुआत की गयी थी।नई किस्‍मों के लांचिंग के मौके पर प्रधानमंत्री को इस आलू को दिखाते हुए खासियत भी बताई गयी। प्रधानमंत्री ने इसकी सराहना भी थी।इस आलू की खेती में दिलचस्पी रखने वाले किसानों को इसका बीज आईएआरआई के केन्‍द्रों में मिल सकेगा।

कुफरी जामुनिया को हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में उगाया जा सकता है।