बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने छात्राओं को छात्रवास का दिया तोहफा

सोमवार को डुमरांव स्थित वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वीसी डा. दुनिया राम सिंह निरीक्षण करने के लिये पहुंचे। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य सह अधिष्ठाता डॉ. पारसनाथ ने पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर कुलपति का गर्मजोशी से स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत पौधारोपण और दीप प्रज्ज्वलित के साथ हुई।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने छात्राओं को छात्रवास का दिया तोहफा

17 कमरों के ट्रीपल बेड में मिलेगी सारी सुविधाएं

कैंपस में ही छात्र-छात्राओं की मिलने वाली सुविधाओं का लिया जायजा, कमी को शीघ्र पूरा करने का किया वादा

 केटी न्यूज/डुमरांव   

सोमवार को डुमरांव स्थित वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वीसी डा. दुनिया राम सिंह निरीक्षण करने के लिये पहुंचे। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य सह अधिष्ठाता डॉ. पारसनाथ ने पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर कुलपति का गर्मजोशी से स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत पौधारोपण और दीप प्रज्ज्वलित के साथ हुई।

इस दौरान कुलपति डॉ. सिंह ने छात्राओं के लिए पीजी सेकंड फ्लोर पर बने नए छात्रावास का विधिवत उद्घाटन किया। यह हॉस्टल 17 कमरों का है, जिसमें ट्रिपल बेड की सुविधा दी गई है। उन्होंने हॉस्टल के विभिन्न कक्षों, स्पोर्ट्स रूम और मेस का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिया कि छात्राओं को खेलकूद के प्रति प्रोत्साहित किया जाए ताकि उनका समग्र विकास हो सके। मेस की व्यवस्था को लेकर उन्होंने गहन जांच की और खाद्य सामग्री की गुणवत्ता देखी।

छात्रावास निदेशक डॉ. श्वेता शांभवी ने कुलपति को परिसर की मूलभूत सुविधाओं से अवगत कराया। इस दौरान कुलपति ने अपने निरीक्षण के दौरान कॉलेज कैम्पस के मेस में एग्जॉस्ट फैन लगाने, आवासीय परिसर में इंसेक्ट लाइट लगाने, फुट मैट और आरओ सिस्टम की व्यवस्था करने को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने हॉस्टल के बाहर बने रैंप का भी अवलोकन किया। निरीक्षण के बाद कॉलेज परिसर में उत्कृष्टता का उत्सव कार्यक्रम के तहत शिक्षक-छात्र संवाद और प्रमाणपत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया।

छात्रों को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर हर कार्य की समीक्षा की जा रही है और छोटी से छोटी जरूरतों पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब विश्वविद्यालय में 46 नई अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं बन रही हैं, जहां वर्ल्ड क्लास रिसर्च किए जाएंगे। कुलपति ने कहा कि वैज्ञानिकों को अपने शोंध को प्रयोगशालाओं से जोड़ने का निर्देश दिया गया है, ताकि उनके शोध का व्यावहारिक परिणाम सामने आए। विश्वविद्यालय में सोलर एनर्जी डिपार्टमेंट को भी मजबूत किया गया है।

कुलपति ने जानकारी दी कि अंतरराष्ट्रीय छात्रावास की स्थापना को लेकर सरकार से अनुशंसा की गई है। कई नई योजनाओं के स्तर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय और उसकी अंगीभूत इकाइयों को मजबूत किया जा रहा है।  कृषि शिक्षा की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि छात्रों का रुझान इस क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है। पिछले वर्ष विश्वविद्यालय का प्लेसमेंट रेट 96 प्रतिशत रहा जो बड़ी उपलब्धि है। कुलपति ने बताया कि अब पहले सेमेस्टर में ही छात्रों से पूछा जाएगा कि वे आगे पीजी करना चाहते हैं

या नौकरी में जाना चाहते हैं ताकि उन्हें उसी अनुरूप मार्गदर्शन दिया जा सके। कुलपति ने कहा कि हर दो महीने में विश्वविद्यालय की टीम डुमरांव कृषि महाविद्यालय का दौरा करेगी ताकि विद्यार्थियों को किसी प्रकार का शैक्षणिक तनाव न हो। बिहार की कृषि उपज का जिक्र करते हुए कुलपति ने बताया कि इस वर्ष 14 टन आम अमेरिका भेजा गया है। कतरनी चावल की बढ़ती मांग के कारण इसकी खेती 700 एकड़ से बढ़ाकर 2000 एकड़ में की जा रही है।

उन्होंने गर्व के साथ बताया कि लीची और मखाना उत्पादन में बिहार विश्व में नंबर वन है। मगही पान के संवर्धन को लेकर भी कार्य हो रहा है। डीआरडीओ के साथ मिलकर चूड़ा-दही के नये प्रयोग पर भी काम किया जा रहा है, ताकि उसे सुखाकर देशभर में पहुंचाया जा सके।

उन्होंने बताया कि अब स्कूलों में बच्चों को क से कबूतर नहीं, बल्कि क से कतरनी चावल, ज से जर्दालु आम, म से मखाना और स से सिंदूर सिखाया जाएगा। इसके लिए सरकार को अनुशंसा भेजी गई है। प्लेसमेंट को लेकर उन्होंने बताया कि कई नामी कंपनियां आ रही हैं और उनसे न्यूनतम छह लाख रुपये का वार्षिक पैकेज देने की मांग की गई है ताकि छात्रों को बेहतर अवसर मिल सके।

इस मौके पर पीआरओ डॉ. राजेश कुमार, कार्यपालक अभियंता प्रदीप कौशल, इंजीनियर ई.के.एस. रमन, कृषि अधिष्ठाता डॉ. अजय कुमार साह समेत महाविद्यालय के शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम की संपूर्ण व्यवस्था महाविद्यालय प्रशासन की ओर से की गई थी।