जिले के पहले निक्षय मित्र बने रवि देवा, 6 टीबी मरीजों को लिया गोद

कोरोना काल में जरूरतमंद व असहाय लोगों के साथ साथ अन्य लोगों को मदद पहुंचाने वाले युवा समाजसेवी रवि कुमार उर्फ रवि देवा अब सासाराम प्रखण्ड में टीबी से पीड़ित लोगों के लिए भी मदद पहुंचाएंगे।

जिले के पहले निक्षय मित्र बने रवि देवा, 6 टीबी मरीजों को लिया गोद
समाज सेवी रवि देवा

-अब निक्षय मित्र बनकर करेंगे टीबी मरीजों की मदद  

केटी न्यूज/सासाराम : कोरोना काल में जरूरतमंद व असहाय लोगों के साथ साथ अन्य लोगों को मदद पहुँचाने वाले युवा समाजसेवी रवि कुमार उर्फ रवि देवा अब सासाराम प्रखण्ड में टीबी से पीड़ित लोगों के लिए भी मदद पहुंचाएंगे। रवि कुमार उर्फ रवि देवा ने  निक्षय मित्र बन कर टीबी बीमारी से ग्रसित लोगों को गोद लिया है। टीबी  बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए रवि देवा 6 महीने तक पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएंगे। टीबी से पीड़ित मरीजों  के लिए सरकार ने निक्षय मित्र योजना की शुरुआत की है। जिसमें एनजीओ, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक दलों से जुड़े लोग, निजी क्षेत्रों में कार्यरत के अलावा कोई भी टीबी से पीड़ित मरीजों या गांव को गोद ले सकते हैं। जिसमें जरूरतमंद एवं असहाय लोगों को 6 महीने या उससे अधिक तक प्रत्येक माह 500 रुपए के रूप में आर्थिक मदद या पौष्टिक आहार के रूप में अनाज या खाद्य पदार्थ प्रदान कर मदद कर सकते हैं। इसी योजना के तहत सासाराम प्रखण्ड के लखनु सराय निवासी 25 वर्षीय रवि देवा टीबी मरीजों को गोद लेकर उनकी मदद करेंगे। इसके लिए रवि देवा ने सहमति देते हुए जिला यक्ष्मा केंद्र  में निक्षय मित्र पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन भी कराया है। रवि देवा जिले के पहले व्यक्ति हैं  जिन्होंने निक्षय मित्र के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। 

कोरोना काल में  जरूरतमंदों  के लिए पहुचाई थी मदद :
कोरोना काल की पहली लहर में जहां संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों में बंद थे, वहीं उस दौरान रवि देवा पिकअप पर हरी सब्जियां एवं अनाज लाद कर आम लोगों के घरों तक के अलावा गरीबों एवं जरूरतमंदों के बीच निःशुल्क पहुंचा रहे थे। साथ ही साथ सासाराम सदर अस्पताल गेट पर देवा की रसोई का संचालन कर जरूरतमंदों को भोजन करवा रहे थे ।

अब निक्षय मित्र बनकर करेंगे टीबी मरीजों की मदद :
रवि देवा ने बताया कि जरूरतमंद लोगों को मदद पहुँचाना अच्छा लगता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में  जरूरत मंद लोगों की मदद करने का मौका मिला। इधर  किसी के माध्यम से जानकारी मिली कि निक्षय मित्र बन कर टीबी से पीड़ित लोगों की मदद पहुंचानी है तो तुरंत विभाग से संपर्क कर निक्षय मित्र के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों  के लिए जो भी बन पड़ेगा वह करेंगे। उन्होंने बताया कि मैंने 6 मरीजों को गोद लिया है। अगले छः महीने तक उनकी पोषण की जरूरतों का ध्यान रखूंगा।

निक्षय मित्र बनने के लिए लोगों को किया जा रहा है जागरूक :
जिला यक्ष्मा केंद्र  के पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि निक्षय मित्र से लोगों को जोड़ने के किये जिला यक्ष्मा केंद्र लगातार प्रयासरत है। इसके लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।