रोहतास: जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15 लाभुकों को स्वीकृति पत्र और 5 को प्रतीकात्मक चाबी सौंपी

रोहतास (सासाराम) के जिला मुख्यालय समाहरणालय स्थित डीआरडीए सभागार में आज जिलाधिकारी उदिता सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत कुल 15 लाभुकों को स्वीकृति पत्र और 5 लाभुकों को प्रतीकात्मक चाबी का वितरण किया।

रोहतास: जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15 लाभुकों को स्वीकृति पत्र और 5 को प्रतीकात्मक चाबी सौंपी

केटी न्यूज/ रोहतास (सासाराम) 

रोहतास (सासाराम) के जिला मुख्यालय समाहरणालय स्थित डीआरडीए सभागार में आज जिलाधिकारी उदिता सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत कुल 15 लाभुकों को स्वीकृति पत्र और 5 लाभुकों को प्रतीकात्मक चाबी का वितरण किया। इस अवसर पर सभी प्रखंडों में 2287 लाभुकों को पहली किस्त की राशि भी हस्तांतरित की गई। साथ ही, 183 लाभुकों को उनके पूर्ण आवास के लिए प्रतीकात्मक चाबी सौंपी गई, जिससे उन्हें गृह प्रवेश का अवसर मिला।

जिलाधिकारी उदिता सिंह ने लाभुकों से बातचीत के दौरान कहा कि पीएम आवास योजना की राशि का उपयोग केवल आवास निर्माण में किया जाना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि लाभुकों को इन निधियों का उपयोग किसी अन्य कार्य के लिए नहीं करना चाहिए। सासाराम के समरडीहा निवासी भगमनीया देवी से जब जिलाधिकारी ने पूछा कि वे अपने नए घर को तैयार करने में कितना समय लेंगी, तो उन्होंने आत्मविश्वास के साथ बताया कि वे 100 दिनों में अपना घर बना लेंगी।

जिलाधिकारी ने लाभुकों को यह जानकारी भी दी कि उन्हें बैंक द्वारा तीन किस्तों में कुल एक लाख बीस हजार रुपए की सहायता राशि मिलेगी। पहली किस्त आवास स्वीकृति के बाद, दूसरी किस्त प्लिंथ निर्माण के उपरांत और अंतिम किस्त छत ढलाई के बाद प्रदान की जाएगी। प्रत्येक किस्त 40 हजार रुपए की होगी, जिससे लाभुकों को अपने आवास निर्माण में सहायता मिलेगी। इस कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त विजय कुमार पांडेय, निदेशक डीआरडीए श्री मनीष कुमार, सासाराम के प्रखंड विकास पदाधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ-साथ सभी लाभुक और उनके परिवार वाले उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रमुख बिंदु

ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने 2016-17 वित्तीय वर्ष से आवास की आवश्यकता वाले परिवारों के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का कार्यान्वयन किया। इस योजना का उद्देश्य उन परिवारों को आवास उपलब्ध कराना है जो सामाजिक-आर्थिक और जाति आधारित जनगणना 2011 में आवास विहीन चिन्हित किए गए थे। लाभुकों का चयन विभिन्न सर्वेक्षणों के आधार पर किया जाता है, जिसमें 2018 में आवास प्लस के माध्यम से की गई जनगणना भी शामिल है। चयन प्रक्रिया के तहत ग्राम सभा की सहायता से योग्य परिवारों का चयन किया जाता है और फिर उन्हें आवास की स्वीकृति दी जाती है।

आवास निर्माण के लिए, मनरेगा योजना के तहत लाभुकों को 90 दिनों की अकुशल मजदूरी प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलती है। इस योजना के तहत कुल मजदूरी 90 दिनों के लिए 245 रुपए दैनिक भत्ते के हिसाब से 22,050 रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में उपलब्ध कराई जाती है।

यदि लाभुकों के पास वास योग्य भूमि नहीं है, तो राजस्व विभाग के माध्यम से 5 डिसमिल भूमि प्रदान की जाती है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री आवास स्थल क्रय सहायता योजना के तहत भूमि खरीदने के लिए लाभुकों को 1 लाख रुपए की सहायता राशि भी उपलब्ध कराई जाती है, जिससे उन्हें अपनी भूमि खरीदने में मदद मिलती है।

अब तक, 2016-17 से 2021-22 तक कुल 67,729 आवास विहीन परिवारों को राशि हस्तांतरित की गई है और 65,982 आवासों का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया है, जो कि 97.42 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 2,861 नए आवास विहीन परिवारों को आवास की स्वीकृति दी गई है। आज के कार्यक्रम के दौरान 2,302 लाभुकों को एक साथ पहली किस्त की राशि दी गई, और 188 लाभुकों को प्रतीकात्मक चाबी के माध्यम से गृह प्रवेश कराया गया, जिससे उन्हें अपने नए घर का सपना साकार करने का अवसर मिला।