"न्यायपूर्ण नए बिहार के लिए 'बदलो बिहार न्याय यात्रा' का आगाज़"
बिहार में पिछले दो दशकों से शासन कर रही जदयू-भाजपा की डबल इंजन सरकार को भाकपा माले ने "लूट और झूठ की सरकार" करार दिया है।
केटी न्यूज़/रोहतास
बिक्रमगंज (रोहतास): बिहार में पिछले दो दशकों से शासन कर रही जदयू-भाजपा की डबल इंजन सरकार को भाकपा माले ने "लूट और झूठ की सरकार" करार दिया है। इस सरकार के खिलाफ पार्टी ने "बदलो बिहार न्याय यात्रा" का आयोजन किया है, जो 16 से 25 अक्टूबर 2024 तक चलेगी और इसका समापन नासरीगंज में होगा।
यह न्याय यात्रा सासाराम से नोखा होते हुए सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं के साथ आगे बढ़ रही है। यात्रा का नेतृत्व काराकाट लोकसभा सांसद कामरेड राजा राम सिंह, काराकाट विधानसभा विधायक कामरेड अरुण सिंह, और जिला सचिव कामरेड नंद किशोर पासवान कर रहे हैं। यात्रा के दौरान लोगों से मिलकर उन्हें इस आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
सोमवार की देर शाम, यह यात्रा तेंदुनी मां काली मंदिर बिक्रमगंज पहुंची, जहां एक सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता जिला सचिव नंद किशोर पासवान ने की। सभा में सांसद राजा राम सिंह ने कहा कि भाजपा-जदयू सरकार ने पिछले दो दशकों में लूट का एक बड़ा साम्राज्य स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि 15 से अधिक बड़े पुलों का घटिया निर्माण करके जनता को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने सरकार के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि इस शासनकाल में सृजन घोटाले और बिजली विभाग में स्मार्ट मीटर के नाम पर कंपनियों से भारी कमीशन वसूला गया है, जिसका नतीजा बिहार की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
राजा राम सिंह ने बताया कि राज्य में 94,33,312 अत्यंत गरीब परिवार हैं, जिनकी मासिक आय 6,000 रुपये से कम है। उन्होंने कहा कि लघु उद्यमी योजना के तहत स्वरोजगार के लिए 2 लाख रुपये की राशि दी जानी थी, लेकिन यह योजना भी प्रभावी नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों का जीवन यापन मुश्किल हो रहा है, उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है।
विधायक अरुण सिंह ने कहा कि दलितों, महादलितों, और अल्पसंख्यक समुदायों पर सुनियोजित हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में शराब माफियाओं का राज कायम हो चुका है, और महादलितों के सामूहिक घरों में आग लगाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि दबंगों और अपराधियों को खुली छूट दी गई है, जिससे गरीबों की आवाज दबाई जा रही है।
अरुण सिंह ने कहा कि विकास के सभी सूचकांकों में बिहार पिछड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि महा नगरीय आबादी वाले उद्योग रहित राज्य में बेरोजगारी और पलायन की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। केंद्र सरकार द्वारा बिहार को मिलने वाली लगभग 9,000 करोड़ रुपये की राशि भी बंद कर दी गई है, जिससे विकास की संभावनाएं और कम हो गई हैं। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने सामंती और आपराधिक ताकतों को खुली छूट दे रखी है, और गरीबों की लड़ाई लड़ने वाले नेताओं की हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे न्याय यात्रा में शामिल होकर बिहार के हक और न्याय के लिए अपनी आवाज उठाएं। सभा के अंत में, दोनों थानाध्यक्षों ने सभी उपस्थित लोगों को 27 अक्टूबर 2024 को पटना के मिलर हाई स्कूल के मैदान में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने का आह्वान किया, ताकि इस आंदोलन को सफल बनाया जा सके।