राइजिंग सन इंटरनेशनल स्कूल में नन्हें वैज्ञानिकों के आविष्कार देख दंग रह गये एसडीएम व अभिभावक, छात्रों की प्रतिभा की हुई सराहना
- छात्रों ने सैकड़ो मॉडल बनाकर अतिथियों को किया आश्चर्य चकित,
- एसडीएम ने कहा बिना विज्ञान का कुछ भी संभव नहीं
केटी न्यूज/डुमरांव
मंगलवार को राइजिंग सन इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों के बीच विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों की सोच व कौशल ने सबको हैरत में डाल दिया। नन्हें वैज्ञानिकों ने जल संरक्षण, कृषि व पर्यावरण संरक्षण के लिए छात्रों ने अनेक मॉडल बनाए। किस तरह हम अपना काम करते हुए पानी को बचा सकते है। कृषि को और लाभकारी बनाने के साथ पर्यावरण को नुकसान से बचाने के विभिन्न तरीके छात्रों ने अपनी शैली में विकसित कर दिखाए। वैज्ञानिकों ने दिखाया कौशल प्रदूषण मुक्त भारत के निर्माण की सोच को प्रदर्शनी में बच्चों ने प्रमुखता से रखा। जिसमें भूकंपरोधी शहर का नक्शा बच्चों ने पेश कर वाहवाही लूटी। प्रदर्शनी में हाइड्रोलिक पुल, चुंबकीय गाड़ी, धुआं
रहित गाड़ी जैसे कठिन उपकरणों का माडल बना सबको चौंका दिया। प्रदर्शनी का उद्घाटन डुमरांव एसडीएम कुमार पंकज, निदेशक ब्रह्मा ठाकुर व प्रिसिंपल एस वेकटासन व विष्णु ठाकुर ने संयुक्त रूप से फिता काट कर किया। इस प्रदर्शनी को संपनन कराने में विद्यालय के शिक्षकों संदीप, संजय, प्रहलाद, जगनारायण, विशाल, धर्मेन्द्र, इन्द्रसेन, सत्यजीत, पूनम, रूपम आदि का सराहनीय योगदान रहा। वही छात्रों में शीतल, प्रिया, सिखा, नव्या, कविता, साक्षी, जागृति, खुशी, वैष्णवी, मानसी, अंशिका, भूमि, रागिनी, आरती, साफिया, खुशी, प्राप्ति, आर्यन, शाश्वत, यश, सारिका, मुस्कान, विनीत, शिवांश, आदित्य आदि ने अपने-अपने मॉडल प्रस्तुत किए थे।
विज्ञान के विना आज के परिवेश में कुछ भी संभव नहीं - एसडीएम
एडीएम कुमार पंकज गांव से जुड़े बच्चों द्वारा बनाये गये मॉडल को देख कर आश्चर्य चकित रहे गए। एसडीएम ने कहा कि वर्तमान समय विज्ञान का है, विज्ञान के बिना कुछ भी संभव नहीं है। विज्ञान के क्षेत्र में ही विद्यार्थी अच्छी कैरियर बना सकते हैं। विज्ञान से ही विश्व में विभिन्न प्रकार का रिसर्च किया गया है। बदलते परिवेश में विज्ञान युग में लोग उड़ान भर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नन्हेें मुन्ने बच्चों में अपार प्रतिभा उसे निखारने प्रतिभा को निखारने के लिये ही विद्यालय प्रबंधन द्वारा इस प्रर्दशनी का आयोजन किया गया है। श्री सिंह ने कहा कि बच्चों के इस अनूठे प्रदर्शन में विद्यालय के शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। विज्ञान प्रदर्शनी के आयोजन को सराहनीय कदम बताते हुए कहा, इससे बच्चों की नैसर्गिक प्रतिभा उभरती है।
विज्ञान के युग की देन है इंसान चांद पहुंच गया - ब्रह्मा
निदेशक ब्रह्मा ठाकुर ने कहा कि इस विद्यालय के बच्चों के अनुशासन तथा तकनीकि सोंच को बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने छात्रों के इस प्रयास को भविष्य के लिए बेहतर बताया। ठाकुर ने कहा कि विज्ञान युग में कई चमत्कार हुए हैं। लोग विज्ञान के माध्यम से चांद तक पहुंच चुके हैं। विज्ञान के बिना कुछ भी संभव नहीं हैं।
प्रदर्शनी में रहा आर्कषण का केन्द्र
नन्हें बैज्ञानिको ने के द्वारा बनाए गये प्रदर्शनी में जेसीबी, स्मार्ट सीटी, गणित के मॉडल, मॉडल सिटी, लेजर लाईट सिस्टम, ड्रिप, इको फ्रेंडली सिस्टम, सोलर सिस्टम, हार्ट सिस्टम सहित कई अन्य मॉडल बनाए थे। जिसकी जमकर सराहना अतिथियों व अभिभावकों द्वारा की गई।