सामाजिक कार्यकर्ता सर्वजीत कुशवाहा ने पत्नी के साथ रक्तदान कर मनाया एनिर्वसरी

सामाजिक कार्यकर्ता सर्वजीत कुशवाहा ने पत्नी के साथ रक्तदान कर मनाया एनिर्वसरी
रक्तदान करते दंपति

- शादी के दिन भी दोनों ने रक्तदान कर परिणय सूत्र में बंधे थे दंपति

केटी न्यूज/बक्सर

जिले में दानवीरों के कारण ही आज जरूरमंदों की जरूरत पूरी होती है। चाहे वो आर्थिक हो या फिर कुछ और। लेकिन, जिले में ऐसे भी दानवीर हैं। जिनकी बदौलत जरूरमंद मरीजों को समय पर खून की मदद मिलती है। ऐसे दानवीरों को रक्तदानवीर भी कहते हैं। ऐसे ही जिले के एक रक्तदानवीर है, सर्वजीत कुशवाहा। जो समय समय पर रक्तदान शिविर लगाने के लिए स्वयं भी रक्तदान करते हैं। सबसे मजे की बात, तो यह है कि इस अभियान में सर्वजीत के साथ इस नेक कार्य में उनकी पत्नी भी उनका इस अभियान में साथ देती हैं। शुक्रवार को उनके शादी की दूसरी सालगिरह थी। जिसको लेकर दोनों पति-पत्नी पुराना सदर अस्पताल स्थित रेडक्राॅस ब्लड बैंक में पहुंचे। जहां उन्होंने रक्तदान कर जिले के लोगों के सामने एक नजीर पेश की। युवा दंपति ने रक्तदान अपने शादी के सालगिरह के अवसर पर रक्तदान करने की जानकारी रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ श्रवण तिवारी ने मिली। जिसके बाद वो तत्काल रेडक्रॉस ब्लड बैंक पहुंचे। जहां उन्होंने युवा दंपति को इस नेक कार्य के लिए धन्यवाद देते हुए एनिर्वसरी की बधाई भी दी। सर्वजीत कुशवाहा की पत्नी सुमित्रा कुशवाहा ने बताया कि जब उन दोनों की शादी तय हुई, तो उन्हें सर्वजीत के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से रक्तदान के अलावा अन्य सामाजिक कार्यों के संबंध में जानकारी मिलती थी। जिसे पढ़ने और देखने के बाद उनको सर्चजीत पर गर्व होता था। इसलिए दोनों ने यह तय किया कि सर्वजीत के इस नेक कार्य में वो उनका साथ देंगी। जिसकी शुरुआत शादी के दिन से ही। उन्होंने बताया कि 18 नवंबर 2020 के दिन अपनी शादी के दिन फेरे लेने से पहले भी पत्नी के साथ रक्तदान किया था। बताया जाता है कि सर्वजीत अब तक कुल 31 बार रक्तदान कर चुके हैं। वहीं, सुमित्रा ने शादी की सालगिरह के उपलक्ष्य पर अब तक दो बार रक्तदान किया है।

युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं सर्वजीत 

रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ. श्रवण तिवारी ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता बर्तमान के युवाओं के लिए मिशाल है। इसके साथ ही युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत भी है। वहीं रक्तदान करने वाले दंपति ने कहा कि खून किसी मशीन में नहीं बनता है। वह हमारे शरीर में ही बनता है। जिससे मानवता की रक्षा की जा सकती है। विकट परिस्थिति में जरूरतमंद की जीवन को बचाने में तत्काल भूमिका निभाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि रक्तदान को लेकर हर युवा वर्ग को आगे आना होगा। जिससे जरूरतमंद लोगों को समय पर जीवन दान के साथ ही सहयोग प्राप्त हो सके।