डुमरांव के मंडियों में पटाखे का भंडारण, प्रशासन ने साधी चुप्पी

डुमरांव के मंडियों में पटाखे का भंडारण, प्रशासन ने साधी चुप्पी

- बगैर लाइसेंस के धड़ल्ले से हो रहा कारोबार, पटाखा के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने दिया है निर्देश

केटी न्यूज/डुमरांव 

दीपावली पर्व में अब शेष दिन रह गये है। त्योहार को यादगार बनाने के लिए मनचाहे सामानों की खरीद-बिक्री मंडियों में शुरू हो गयी है। डुमरांव सहित आसपास के इलाकों में दीपावली पर्व में पटाखों की धूम रहती है। शहर के कई मंडियों में बगैर लाइसेंस के ही पटाखे की दुकानें सजने लगी है। जबकि स्थानीय प्रशासन मौन साधे हुए है। वह भी तब जब कि कुछ दिन पहले ही पुलिस मुख्यालय से अवैध विस्फोटक सामग्री के निर्माण व बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है। पटाखे के कई कारोबारी रोक के बावजूद भी पटाखे का भंडारण किये है। बताया जाता है कि स्थानीय मंडी में बड़े पैमाने पर पटाखे का कारोबार होता है। कई व्यवसायी रिहायशी इलाके में ही पटाखे का भंडारण शुरू कर दिए है, जिससे कभी भी हादसा होने का आशंका बना रहता है। बेरोक-टोक पटाखों की बिक्री के बाद भी स्थानीय प्रशासन चुप्पी साधे है। दीपावली पर्व पर डुमरांव के मंडियों में पटाखों की खपत अधिक होती है। इस मंडी से आसपास के ग्रामीण इलाकों के दुकानदार पटाखों की खरीद कर अपने यहां बिक्री करते है। एक अनुमान के अनुसार करीब 50 लाख रुपये का पटाखा कारोबार किया जाता है। शहर में दर्ज़नो पटाखा कारोबारी ऐसे है जो तीन माह पूर्व ही दिल्ली, कानपुर, बनारस और पटना, रांची से पटाखों की खरीद कर भंडारण करते है।

 शुभ दीपावली में अशुभ पटाखा

दीपावली में हर साल लाखों रुपये के पटाखे छोड़े जाते है। इसे लोग परंपरा से जोड़कर देखते है लेकिन पटाखों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण बढ़ता है और जो मानव शरीर के लिए खतरा बन जाता है। जानकर बताते है कि पटाखों के अंदर तांबा, गंधक, कैल्शियम, बेरियम, एलुमिनियम और बारुद का मिश्रण रहता है जो जलने के बाद उसका अंश कोहरे के साथ मिलकर कई दिनों तक हवा में बना रहता है, जो प्रदूषण के साथ-साथ मानव जीवन के लिए भी खतरा बनता है।

 व्यवसायियों की गाइडलाइन

विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 2008 के अनुसार मानक का पालन करना सख्त जरूरी है। गाइडलाइन के अनुसार संकीर्ण बाजार, गली व भीड़-भाड़ वाले इलाके में पटाखे की बिक्री पर रोक, आवासीय क्षेत्र व घरों में भंडारण नही, बालू, पानी और अग्निशामक यंत्र जरूरी, शिक्षण संस्थान व अस्पताल के पास बिक्री निषेध, बिजली के तार, खंभे व ट्रांसफार्मर के नजदीक बिक्री पर पाबंदी है।

 पटाखें पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

दीपावली के दिन रात में 8 से 10 बजे तक ही पटाखें जलाने की झूट, तेज़ आवाज वाले पटाखे की बिक्री पर बैन, खुले मैदान में पटाखे जलाने की अनुमति, इस त्योहार पर कम प्रदूषण वाले पटाखों का हो इस्तेमाल, पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध आदि शामिल है।