चौसा के महादेवा घाट पर गंगा में उतराए मिले आधा दर्जन शव, प्रशासन जता रहा अनभिज्ञता, तस्वीरें कर रही हैं तस्दीक

चौसा के महादेवा घाट पर गंगा में उतराए मिले आधा दर्जन शव, प्रशासन जता रहा अनभिज्ञता, तस्वीरें कर रही हैं तस्दीक

शवों को नोंच रहे थे कुत्तें, याद आया कोरोना काल की दूसरी लहर

केटी न्यूज/चौसा

कोरोना काल के दूसरे लहर के बाद एक बार फिर से चौसा के महादेवा घाट पर गंगा नदी में एक साथ आधा दर्जन शव उतराए मिले हैं। जिससे स्थानीय निवासियों में हड़कंप मच गया हैं। लोग किसी अज्ञात महामारी के भय से सहमें हुए हैं। शनिवार को शवों को कुत्तें नोंच कर खा रहे थे। इधर स्थानीय प्रशासन ने इससे अनभिज्ञता जताई हैं। जबकि तस्वीरें इस बात की तस्दीक कर रही थी कि गंगा नदी में कई शव उतराए हैं। बता दें कि हाल ही हिट वेव के कारण जिले तथा सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के बलिया और गाजीपुर जिले में मौतों के आंकड़े बढ़े हैं। एक तरफ स्वास्थ्य विभाग लू से मौत नहीं होने की दुहाई दे रहा हैं तो दूसरी तरफ श्मसान घाट पर हर दिन 70 से 80 शवों का शवदाह किया जा रहा हैं। ऐसे में गंगा में शव उतराने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग अंतिम संस्कार में आने वाले खर्च से मुक्ति पाने के लिए अपने परिजनों के शवों का जल प्रवाह कर दिए होंगे तथा गंगा में पानी कम होने से शव उतरा गए होंगे। बहरहाल चौसा में पूरे दिन इसकी चर्चा होते रही।

 वर्ष 2021 में दिखा था खौंफनाक मंजर

बता दें कि वर्ष 2021 के मई महीने में गंगा में एक साथ सैकड़ो शव उतराएं थे। चौसा से बक्सर तथा दियारा इलाकों में भी उस समय कई जगहों पर गंगा में उतराए शव देखे गए थे। तब कोरोना के दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई थी। हालांकि उस समय भी बक्सर प्रशासन उन शवों को यूपी से बहकर आने की बात कह रहा था तो यूपी प्रशासन इसे बिहार का शव बता रहा था। उस समय चौसा के पास यूपी की सीमा पर गंगा नदी में जाल भी लगाया गया था कि यूपी से शव बहकर उनकी सीमा में न आ जाए। वही अब 2021 के बाद एक बार फिर से वैसा ही मंजर दिखाई पड़ा।  

कहते हैं चौसा बीडीओ

गंगा में शव उतराने की सूचना नहीं मिली हैं। मीडिया से जानकारी मिलने के बाद मामले की जांच करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि नदी में शव का जल प्रवाह पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। - बृज बिहारी कुमार, बीडीओ, चौसा