बिहार पुल ध्वस्त मामले पर सख्ती, दो इंजीनियर निलंबित, ठेकेदार पर एफआईआर
बिहार के अररिया में उद्घाटन से पहले ही बकरा नदी पर बने पुल के ढहने के मामले में बिहार सरकार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है और ठेकेदार को काली सूची में डाल दिया है।
केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: पटना।बिहार के अररिया में उद्घाटन से पहले ही बकरा नदी पर बने पुल के ढहने के मामले में बिहार सरकार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है और ठेकेदार को काली सूची में डाल दिया है। इसके साथ ही, सभी संबंधित पक्षों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है।
कार्रवाई के आदेश
नीतीश कुमार की एनडीए सरकार ने लगातार पुल ढहने की घटनाओं के बाद फजीहत झेलते हुए तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंता को निलंबित करने का आदेश दिया है। सरकार ने कहा है कि जांच के लिए पटना से एक टीम भेजी जा रही है और जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुल बनाने वाले ठेकेदार को भी तत्काल प्रभाव से काली सूची में डाल दिया गया है।
निर्माण की कहानी
अररिया के सिकटी प्रखंड क्षेत्र में बकरा नदी के पड़रिया घाट पर बने इस पुल का निर्माण 12 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ था। यह पुल तीन चरणों में बनाया गया था। पहले और दूसरे चरण का काम बिहार सरकार के पुल निर्माण निगम ने किया था, जबकि तीसरे चरण का काम ग्रामीण कार्य विभाग ने अपने जिम्मे लिया था। ग्रामीण कार्य विभाग ने आठ पायों का निर्माण कराया था, जिनमें से सभी पाये ढह गए।
घटना का विवरण
मंगलवार की दोपहर अररिया के सिकटी प्रखंड में बकरा नदी के पड़रिया घाट पर बने पुल के दो पिलर ध्वस्त हो गए और एक धंस गया, जिससे पूरा पुल ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर पड़ा। पुल का निर्माण पूरा हो चुका था, लेकिन एप्रोच रोड न बनने के कारण इसे जनता के लिए खोला नहीं गया था। बरसाती नदी बकरा में पानी आने के कारण पुल गिर गया और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे सरकार की खासी फजीहत हो रही है।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
उद्घाटन से पहले ही पुल के ढहने की घटना के बाद केंद्र सरकार ने बिहार की नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया है कि इस पुल का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है, बल्कि बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत हुआ है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि बिहार के अररिया में दुर्घटनाग्रस्त पुल का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है।
पुल की गुणवत्ता पर सवाल
इस घटना ने बिहार में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय जनता और राजनीतिक दलों ने इस घटना को लेकर सरकार की आलोचना की है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार की देन हैं। सरकार को चाहिए कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान दे।
अररिया में पुल के ढहने की घटना ने बिहार सरकार की कार्यप्रणाली और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है और ठेकेदार को काली सूची में डाल दिया है। मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इस घटना ने सरकार को एक बार फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है कि विकास कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता को कैसे सुनिश्चित किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।