होल्डिंग टैक्स को लेकर चल रहा धरना प्रशासन के पहल पर दूसरे दिन हुआ समाप्त
बढ़े होल्डिंग टैक्स को लेकर दो दिनों से नगर भवन परिसर में चल रहे धरने का समापन मंगलवार को प्रशासन के पहल पर हो गया। धरना नगर के 28 ज्वलंत समस्याओं को लेकर किया जा रहा था, जिसमें नगर के समाजिक कार्यकर्ताओं से लेकर आम नागरिक शामिल थे।

-26 सितंबर तक मांगे पूरी करने का आश्वासन, वरना 27 से फिर शुरू होगा धरना
केटी न्यूज/डुमरांव
बढ़े होल्डिंग टैक्स को लेकर दो दिनों से नगर भवन परिसर में चल रहे धरने का समापन मंगलवार को प्रशासन के पहल पर हो गया। धरना नगर के 28 ज्वलंत समस्याओं को लेकर किया जा रहा था, जिसमें नगर के समाजिक कार्यकर्ताओं से लेकर आम नागरिक शामिल थे।
समाजिक मंच के बैनर तले हुए इस धरने ने नगर परिषद और अनुमंडल प्रशासन को हिला कर रख दिया। धरना शुरू होते ही प्रशासनिक हलचल तेज हो गई और अधिकारी बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश करने लगे। मंगलवार को एसडीओ राकेश कुमार के निर्देश पर बीडीओ संदीप कुमार पांडेय और सिटी मैनेजर एस. सिन्हा धरना स्थल पहुंच उसे समाप्त करने की कोशिश में लग गए। उन्होंने आंदोलनकारियों से लगभग दो घंटे तक लंबी बातचीत की।
बातचीत के दौरान समाजिक मंच के संयोजक प्रदीप शरण, लल्लू खां और अमित कुमार भी शामिल रहे। बातचीत के बाद तय हुआ कि नागरिकों की जिन मांगों को लेकर आंदोलन हो रहा है, उन्हें 26 सितंबर तक पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। धरनास्थल पर हुई सहमति के बाद आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि तय समय सीमा के भीतर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 27 सितंबर से धरना पुनः शुरू कर दिया जाएगा।
आंदोलनकारियों और प्रशासन के बीच हुए लिखित समझौते में यह भी तय हुआ कि नागरिकों की सभी 28 सूत्री मांगों पर स्पष्ट जवाब दिया जाएगा। इसमें 2015 से 2025 तक का टैक्स खाता मिलान कर रिपोर्ट सौंपना, इलाहाबाद बैंक के पास जर्जर सड़क की मरम्मत, शहरी बस्तियों में नाला और सड़कों का निर्माण जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। समझौते की शर्तों में यह भी शामिल है कि होल्डिंग टैक्स की बढ़ोतरी की समीक्षा की जाएगी और नगर परिषद बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाएगी।
साथ ही दैनिक वेतन कर्मियों और लेखपाल से संबंधित आदेशों की कॉपी भी मांगने वालों को दी जाएगी। धरना स्थल पर मौजूद लोगों ने प्रशासन के आश्वासन को देखते हुए फिलहाल आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि यह सिर्फ अस्थायी समझौता है। यदि 26 सितंबर तक कोई ठोस पहल नहीं हुई तो 27 सितंबर से आंदोलन पहले से भी व्यापक स्तर पर होगा।
धरना और समझौते के इस पूरे घटनाक्रम में लाजपत सिंह, अजय प्रताप सिंह, भरत प्रसाद, दिलीप प्रसाद, अमरनाथ केसरी, ग्रामीन हजारी समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक मौजूद रहे। प्रशासन अब इस चुनौती के सामने है कि तय सीमा तक कार्यवाही कर अपनी विश्वसनीयता बचाए। शहरवासी इंतजार कर रहे हैं कि क्या 26 सितंबर तक वादे पूरे होंगे या 27 से फिर बजेगा आंदोलन का बिगुल।