'एक बिहारी सौ पर भारी ' वाली कहावत इन पर बैठती है स्टीक
एक बिहारी सौ पर भारी वाली कहावत अपने जरूर सुनी होगी।यह कहावत वेदांता ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन अनिल अग्रवाल पर सटीक बैठती है।
केटी न्यूज़/पटना
एक बिहारी सौ पर भारी वाली कहावत अपने जरूर सुनी होगी।यह कहावत वेदांता ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन अनिल अग्रवाल पर सटीक बैठती है।उनको अक्सर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए देखा होगा। वे बिहार के सबसे अमीर शख्स माने जाते हैं। वेदांता से पहले अग्रवाल ने 9 कारोबार शुरू किए लेकिन सभी में असफलता मिली।फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। आज उनका कारोबार देश से लेकर विदेश तक फैला है।
अग्रवाल का बचपन बिहार की राजधानी पटना में व्यतीत हुआ है। उनका जन्म 1954 में बिहार के पटना में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था।उनकी पढ़ाई पटना के मिलर हाई स्कूल से हुई है।अग्रवाल के पिता द्वारका प्रसाद अग्रवाल एल्युमिनियम कंडक्टर के छोटे व्यवसायी थे। अनिल अग्रवाल ने शुरुआत में अपने पिता के बिजनेस में भी हाथ बंटाया।वह अवसर तलाशने के लिए 20 साल की उम्र में मुंबई चले गए थे।
अनिल अग्रवाल का जन्म साल 1954 में हुआ था।अग्रवाल ने 20 साल की उम्र में पटना छोड़ दिया था।वह खाली हाथ देश की आर्थिक राजधानी मुंबई आ गए थे।अग्रवाल ने मई 2022 में ट्वीट कर बताया था कि जब उन्होंने बिहार छोड़ा था तो उनके हाथों में एक टिफिन बॉक्स और एक बिस्तरबंद और आंखों में सपने थे।साल 1970 में उन्होंने कबाड़ के कारोबार से अपने करियर की शुरुआत की थी ।बिहार की राजधानी पटना से निकलकर दुनिया के कई देशों में माइनिंग और मेटल बिजनेस का साम्राज्य खड़ा किया है।
10 दिसंबर 2003 में उन्होंने अपनी कंपनी वेदांता रिसोर्सेज की लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग कराई।लिस्टिंग के समय वेदांता रिसोर्सेज पीएलसी लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय फर्म थी।आज 179,813 करोड़ की कंपनी चला रहे हैं।उनकी अनुमानित कुल संपत्ति 4 अरब डॉलर यानी कि 3280 करोड़ रुपये है।