सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने पर प्रशासन सख्त - एसडीएम

सरकारी जमीन पर बढ़ते अवैध कब्जे और विकास योजनाओं के लिए जमीन की अनुपलब्धता को लेकर डुमरांव अनुमंडल प्रशासन अब सख्त हो गया है। शुक्रवार की देर शाम अनुमंडल कार्यालय सभागार में आयोजित भूमिविवाद निवारण बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) राकेश कुमार ने सभी अंचलाधिकारी (सीओ) और थानाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सरकारी भूमि को तत्काल चिह्नित कर अवैध कब्जा हटाया जाए।

सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने पर प्रशासन सख्त - एसडीएम

-- विकास योजनाओं में बाधा बन रही जमीन की कमी, एसडीओ ने सीओ और थानाध्यक्षों को दिए सख्त निर्देश

केटी न्यूज/डुमरांव

सरकारी जमीन पर बढ़ते अवैध कब्जे और विकास योजनाओं के लिए जमीन की अनुपलब्धता को लेकर डुमरांव अनुमंडल प्रशासन अब सख्त हो गया है। शुक्रवार की देर शाम अनुमंडल कार्यालय सभागार में आयोजित भूमिविवाद निवारण बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) राकेश कुमार ने सभी अंचलाधिकारी (सीओ) और थानाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सरकारी भूमि को तत्काल चिह्नित कर अवैध कब्जा हटाया जाए।

बैठक में समीक्षा के दौरान सामने आया कि नावानगर अंचल में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के 11 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि डुमरांव अंचल में 6 मामले प्रकाश में आए हैं। अन्य अंचलों से भी कब्जे की शिकायतें मिली हैं। इस पर एसडीओ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी हाल में सरकारी भूमि को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने सभी सीओ को तत्काल अतिक्रमित भूमि की पहचान कर उसपर से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया।

-- विकास योजनाओं में बाधा

एसडीओ ने यह भी माना कि कई विकास योजनाएं सिर्फ इसलिए अटक रही हैं क्योंकि उनके लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रह्मपुर और डुमरांव अंचल में छह स्वास्थ्य उपकेंद्रों के लिए जमीन अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार बाधित हो रहा है।

इसी तरह आंगनबाड़ी भवन और अन्य सरकारी योजनाओं की प्रगति भी जमीन न मिलने की वजह से प्रभावित है। एसडीओ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि सीओ समय पर आवश्यक जमीन उपलब्ध नहीं कराते हैं, तो इसे कार्यशैली में लापरवाही माना जाएगा। छोटका सिहनपुरा में पावर स्टेशन निर्माण के लिए भी सिमरी अंचल के राजस्व पदाधिकारी को शीघ्र भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

-- भूमिविवाद पर गंभीरता की कमी

भूमिविवाद से जुड़ी शिकायतों की समीक्षा करते हुए एसडीओ ने कहा कि पंद्रह दिनों में केवल 12 मामले ही दर्ज किए गए हैं, जबकि जमीनी स्तर पर विवाद की स्थिति कहीं अधिक है। यह स्पष्ट संकेत है कि थाना और अंचल स्तर पर इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने सभी सीओ और थानाध्यक्षों को संयुक्त रूप से नियमित अनुश्रवण करने का आदेश दिया।

-- वारंट तामिला में ढिलाई पर जताई नाराजगी

बैठक में बताया गया कि एसडीओ कार्यालय से नीलाम पत्र के 69 और डीसीएलआर कार्यालय से 49 वारंट जारी किए गए हैं। लेकिन वारंट की तामिला में पुलिस की ओर से अपेक्षित कार्रवाई नहीं हुई है। इस पर एसडीओ ने नाराजगी जताते हुए सभी थानाध्यक्षों को कम-से-कम एक गिरफ्तारी करने का निर्देश दिया।

-- चुनाव से पहले सख्ती

आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एसडीओ ने कहा कि शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 107 के तहत कार्रवाई अनिवार्य है। उन्होंने सभी थाना क्षेत्रों में इस कानून के तहत कदम उठाने का निर्देश दिया ताकि चुनावी माहौल बिगड़ने से पहले ही विवादों पर अंकुश लगाया जा सके।बैठक में डीसीएलआर शहजाद अहमद, सातों अंचलों के सीओ तथा सभी थानाध्यक्ष मौजूद रहे। बैठक का मुख्य एजेंडा भूमिविवाद निपटारा, सरकारी भूमि की सुरक्षा और विकास योजनाओं के लिए जमीन की उपलब्धता रहा।

बैठक इस संदेश के साथ समाप्त हुई कि सरकारी भूमि पर किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और विकास योजनाओं में बाधा बनने वाली जमीन की समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा।