शहर की सभी नालियों का एक-दूसरे से होगा जुड़ाव, सेंट्रल नाला में गिरेगा पानी
नगर की घनी अबादी हो या मुख्य सड़कें हर जगह नालियों की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण रोड पर पानी बहता है। यही पानी जलजमाव की स्थिति पैदा कर देता है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। इसको रोकने के लिये नगर परिषद सभी नालियों का एक साथ जुड़ाव कर रहा है,

- 2 करोड़ 26 लाख रूपये नगर की नालियों को बनाने और एक दूसरे को जोड़ने में होंगे खर्च
केटी न्यूज/डुमरांव।
नगर की घनी अबादी हो या मुख्य सड़कें हर जगह नालियों की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण रोड पर पानी बहता है। यही पानी जलजमाव की स्थिति पैदा कर देता है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। इसको रोकने के लिये नगर परिषद सभी नालियों का एक साथ जुड़ाव कर रहा है,
फिर सभी का पानी सेंट्रल नाला में गिरे उसका भी प्रबंध करने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में नप का 2 करोड़ 26 लाख रूपये खर्च होंगे। इसकी जानकारी देते हुए चेयरमेन प्रतिनिधि सुमित सौरव ने देते हुए बताया की नगर की मुख्य सड़कों से लेकर संपर्क तक में कहीं नाली टूटा हुआ है तो कहीं नाली है ही नहीं, ऐसे में नाली का पानी रोड पर बहकर जलजमाव का रूप ले लेता है। वर्तमान में जंगलबाजार रोड, स्टेशन रोड, बाइपास रोड सहित और कई मोहल्ले हैं, जहां यह स्थिति बनी हुई है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए नगर परिषद ने शहर के सभी नालों को एक साथ जोड़ने का कार्यक्रम बनाया है, जिस पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया की स्टेशन रोड में तो नाली का अभाव है। स्टेशन रोड में राज हाईस्कूल खेल मैदान गेट के पास और शनिचरा मंदिर के पास नाली की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण घर का पानी रोड पर बहता है, लगातार पानी गिरने के कारण वहां पर गढ्ढा बन गया है,
जिससे वाहन उसमें आकर फंस जाते हैं। कईबार ऐसा हुआ है कि वाहन पलट भी गए है, जिससे यात्री अपने घर जाने के बजाय अस्पताल पहुंच जाते हैं। नप चेयरमैन सुनीता गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया की रोड एनएच का होने के कारण इसमें काम नहीं लगाया जा सकता है। कईबार गड्ढे को भरवाया गया, लेकिन बराबर पानी के जमा होने के कारण रोड खराब हो जाता है।
शहर में नालियों का जाल बिछाकर सभी को एक दूसरे से जोड़कर उसका पानी सेंट्रल नाला में गिराने की योजना पर काम चल रहा है, इसमें शीघ्र ही काम लगाया जाएगा। मालूम हो कि लगभग पांच सालों से नाली का अभाव होने के कारण घरों का पानी रोड पर बहकर जलजमाव का रूप ले लेता है। नालियां बन जाने से रोड पर पानी गिरना बंद हो जाएगा। सबसे अधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती है।
रेलवे स्टेशन के पश्चिमी गुमटी से लेकर टीचर्स ट्रेनिंग स्कूल तक गड्ढों की भरमार है, जिसमें पानी भर जाने पता ही नहीं चलता। यही कारण है कि वाहन आकर उसमें फंस जाते हैं, जिससे जाम की नौबत आ जाती है। अब सवाल यह उठता है कि नाली तो नप बनवा देगा, लेकिन जो रोड पर गड्ढे उभर आए हैं, उसे कौन बनवाएगा।
इस संबंध में जब एनएच-120 के जेई ब्रह्मानंद पासवान से बात की गई तो उन्होंने बताया की रोड बनाने के लिये टेंडर हो चुका जैसे ही इसका काम पूरा हो जाएगा रोड बनाने में काम लग जाएगा।