कला से जीवन में प्राप्त होती है शांति - डीपीओ
विश्व के प्रसिद्ध व्यक्तित्व, विद्वान, वैज्ञानिक कला के माध्यम से अपने जीवन में तरक्की के पथ पर विराजमान हुए, कला से तनाव कम होता है और मन को शांति मिलती है। उक्त बातें शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रजनीश उपाध्याय ने कही।

- सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी और संगीत शिक्षक सांस्कृतिक गतिविधियों को दे रहे है बढ़ावा
केटी न्यूज/बक्सर
विश्व के प्रसिद्ध व्यक्तित्व, विद्वान, वैज्ञानिक कला के माध्यम से अपने जीवन में तरक्की के पथ पर विराजमान हुए, कला से तनाव कम होता है और मन को शांति मिलती है। उक्त बातें शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रजनीश उपाध्याय ने कही।
वे शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन में विकास के पथ पर आगे बढ़ते रहने के लिए कला जरूरी है। कला से जुड़े विद्यार्थी कलाकार व शिक्षक सतत विकास के पथ पर आगे बढ़ते जाते है।
इस दौरान आदर्श उच्च विद्यालय चौसा के विद्यार्थी कलाकार आयुष कुमार जायसवाल और सीपीएसएस प्लस टू उच्च विद्यालय डुमरांव के विद्यार्थी प्रिंस कुमार गुप्ता ने अपनी बनाई कलाकृति को शिक्षा विभाग के सामने सप्रेम भेंट करने की इच्छा जताई, जिसे पदाधिकारी ने विद्यार्थी का सम्मान स्वीकार किया।
इन कलाकारों ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विष्णु कांत राय और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी चंदन कुमार द्विवेदी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नाजिश अली से मिलकर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा ली।बता दें कि बक्सर में इस समय सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी और संगीत शिक्षक सांस्कृतिक गतिविधियों को जागृत करने में सफलता के पथ पर विराजमान दिख रहे हैं, कई विद्यालयों के छात्र इस कला के क्षेत्र में नित नये आयाम स्थापित कर रहे है।
शिक्षक डॉ. मनीष कुमार शशि ने बताया कि सांस्कृतिक गतिविधि की एक विधिक श्रेणी है जो रचनात्मक या कल्पनाशील प्रतिभाओं के उपयोग पर केंद्रित है, जिससे एक सार्थक अनुभव की उम्मीद की जाती हैं। आमतौर पर भावात्मक शक्ति वैचारिक विचारों तकनीकी दक्षता और सुंदरता की अभिव्यक्ति के माध्यम से जीवन को उन्नतशील बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि चित्रकला, मूर्ति कला, प्रिंट मेकिंग, ड्राइंग, फोटोग्राफी व विविध कलाकृतियों का समावेश से हम बहुत कुछ सीखते हैं।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा के निर्देशन में इस समय जिले में सांस्कृतिक धरोहर विकास पर विद्यालयों में कार्य हो रहा है, जिसका फलाफल नन्हंे कलाकार अपनी कलाकृतियों को जिला और राज्य स्तर पर सार्थक पहचान देने में लगे हुए हैं, शिक्षक भी इस भूमिका में अपना सहयोग विद्यार्थियों को प्रदान कर रहे हैं। जिला बक्सर के सरकारी विद्यालयों में संगीत के विकास पर जो कार्य हो रहा है उसे ग्रामीण जनता में विद्यालयों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पुनः जागृत हो रहा है।