सर्वाइकल कैंसर से बचाव को लेकर बक्सर में एचपीवी टीकाकरण अभियान शुरू, अब तक 899 बालिकाएं टीकाकृत
महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए बक्सर जिले में एक बड़ा कदम उठाया गया है। स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से जिले के सभी प्रखंडों के चुनिंदा 10 विद्यालयों में 9 से 14 वर्ष की उम्र की बालिकाओं को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका लगाया जा रहा है। अब तक 899 बालिकाओं को पहली खुराक दी जा चुकी है।

केटी न्यूज/बक्सर
महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए बक्सर जिले में एक बड़ा कदम उठाया गया है। स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से जिले के सभी प्रखंडों के चुनिंदा 10 विद्यालयों में 9 से 14 वर्ष की उम्र की बालिकाओं को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका लगाया जा रहा है। अब तक 899 बालिकाओं को पहली खुराक दी जा चुकी है।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. वीपी सिंह ने बताया कि एचपीवी टीका सर्वाइकल कैंसर के 90 प्रतिशत मामलों से बचाव में कारगर है। इसके अलावा यह वायरस से संबंधित अन्य बीमारियों जैसे ओरल कैंसर, पेनाइल कैंसर और गुदा कैंसर से भी बचाव करता है। उन्होंने बताया कि यह वायरस मुख्य रूप से यौन संपर्क से फैलता है और समय रहते टीकाकरण कराना ही इसका सबसे कारगर बचाव है।
डॉ. सिंह ने बताया कि जिन बच्चियों की उम्र 14 वर्ष के करीब है, उनके लिए विशेष काउंसलिंग की जा रही है। क्योंकि 15 साल के बाद यह टीका उतना प्रभावी नहीं होता। इस लिहाज से अभियान के तहत बालिकाओं की उम्र सीमा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य समिति द्वारा इस अभियान को सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में चलाया जा रहा है। इसके लिए शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य योजना तैयार की गई है। सभी विद्यालयों में प्रशिक्षित चिकित्सकों की निगरानी में टीकाकरण कराया जा रहा है। साथ ही, अभियान को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए यूनिसेफ की मदद ली जा रही है।
डॉ. विनोद सिंह ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में एचपीवी संक्रमण के कारण कैंसर के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है। एक अध्ययन के अनुसार, ओरल कैंसर के 70 प्रतिशत मामलों के लिए एचपीवी जिम्मेदार है। ऐसे में टीकाकरण अभियान समय की जरूरत है और इससे भविष्य में हजारों बालिकाओं को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है।
जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह भी अपील की गई है कि माता-पिता अपनी 9 से 14 वर्ष की बेटियों को समय पर टीका दिलवाएं और जागरूकता फैलाने में सहयोग करें। क्योंकि यह एक ऐसा कदम है, जिससे बच्चियों को भविष्य में गंभीर बीमारी से बचाया जा सकता है।
उन्होंने अंत में कहा, “हमारा कर्तव्य है कि हम जनता की आवाज़ बनें और सदन में उनके हितों की रक्षा करें। अगर सरकार जिम्मेदारी से भागेगी, तो जनता जवाब देना जानती है।”