वैदिक मंत्रोच्चार व जयकारे के साथ बाबा जंगलीनाथ का वार्षिकोत्सव संपन्न

वैदिक मंत्रोच्चार व जयकारे के साथ बाबा जंगलीनाथ का वार्षिकोत्सव संपन्न

वैदिक मंत्रोच्चार व जयकारे के साथ बाबा जंगलीनाथ का वार्षिकोत्सव संपन्न

- वार्षिकोत्सव पर आयोजित हुआ था मेला, देर रात तक रही चहल पहल

- सुबह से ही जुटने लगे थे बाबा जंगलीनाथ के श्रद्धालु भक्त

केटी न्यूज/बक्सर

सोमवार को नगर के पूर्वी छोर पर स्थित बाबा जंगलीनाथ मंदिर का वार्षिकोत्सव मनाया गया। वार्षिकोत्सव पर वैदिक विधान से बाबा जंगलीनाथ क पूजा अर्चना की गई। वही श्रद्धालुओं द्वारा लगाया जा रहा जयघोष तथा महिलाओं द्वारा गाए जा रहे मांगलिक गीतों से माहौल भक्तिमय बन गया था। सुबह से ही वैदिक ब्राह्मणों की टोलियों द्वारा बाबा जंगलीनाथ महादेव के वार्षिकोत्सव पूूजा की तैयारी शुरू की गई थी। सुबह के दस बजे तक बाबा का विशेष पूजा व आरती चलते रहा। इस दौरान मंदिर में

दर्शन व पूजन करने वाले श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। बड़ी संख्या में श्रद्धालु वार्षिकोत्सव पर जुटे थे। वे रह रहकर बाबा जंगलीनाथ के जयकारे लगा रहे थे। जिससे माहौल भक्तिमय बना हुआ था। मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। मंदिर पूजा समिति के सदस्य एक सप्ताह पहले से तैयारी कर रहे थे। वार्षिक पूजा के दौरान स्थानीय शहर के अलावे दूर दराज के श्रद्धालु भी पहुंचे थे। उनका उत्साह भी देखते ही बन रहा था। बता दें कि प्रत्येक साल भाद्रपद कृष्णपक्ष के पहले सोमवारी को बाबा जंगलीनाथ का वार्षिकोत्सव मनाया जाता है। इस बार भी यह परंपरा पूरे विधान से मनाई गई।

आयोजित हुआ था मेला, देर रात तक रही चहल पहल

मंदिर के चारों तरफ मेले का आयोजन भी किया गया था। मेले में चरखी, झूला सहित बच्चों के मनोरंजन के लिए कई अन्य खेल के साधन थे। वही खाद्य सामग्री, खिलौने, फल, मिठाई, कास्मेटिक सहित सैकड़ो दुकाने सजी थी। बच्चों को जहां चरखी व झूला भा रहा था वही बच्चिां श्रृंगार प्रसाधनों की दुकानों पर भीड़ लगाए थी। मेले में क्या बच्चें क्या बुजुर्ग सभी उत्साह में नजर आ रहे थे। 

रात की आंधी बारिश में बाधित हुआ था मार्ग

बता दें कि रविवार की रात अनुमंडल क्षेत्र में तेज आंधी व बारिश हुई थी। इस आंधी पानी में जंगलीनाथ शिव मंदिर को शहर से जोड़ने वाले दोनों रास्तों पर जगह जगह पेड़ उखड़ कर गिर गए थे। वही कई जगहों पर जलजमाव भी हो गया था। जिस कारण सुबह में श्रद्धालुओं को मंदिर आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा था। हालांकि जल्दी ही मंदिर पूजा समिति के प्रो सुभाष चंद्रशेखर, राज सिंह, सीठूजी समेत अन्य सदस्यों ने मजदूरों के सहयोग से रास्तों पर गिरे पेड़ो की डालियों को काटकर हटवाया तथा कीचड़ व जलजमाव वाले जगहों पर मिट्टी डाल आवागमन लायक बनाया गया। प्रो सुभाष चंद्रशेखर ने बताया कि आंधी पानी में आधा दर्जन से अधिक जगहों पर पेड़ गिर गया था। जिसे दो से ढाई घंटे में साफ किया गया।