कंचनेश्वर शिव मंदिर पर शिव विवाह महोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर

डुमरांव प्रखंड के कोरान सराय पंचायत अंतर्गत कचईनिया कंचनेश्वर धाम पर कंचनेश्वर सेवा समिति के सदस्यों द्वारा सोमवार को एक बैठक की गई।

कंचनेश्वर शिव मंदिर पर शिव विवाह महोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर

- निकाली जाएगी शोभा यात्रा एवं होगा किशोरी प्रज्ञा का कथा प्रवचन

केटी न्यूज/केसठ 

डुमरांव प्रखंड के कोरान सराय पंचायत अंतर्गत कचईनिया कंचनेश्वर धाम पर कंचनेश्वर सेवा समिति के सदस्यों द्वारा सोमवार को एक बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष नंदजी यादव ने किया। इस दौरान शिव विवाह महोत्सव की तैयारी पर चर्चा की गई समिति के अध्यक्ष नंदजी यादव सहित अन्य ने बताया कि प्रत्येक वर्षों की भांति इस वर्ष शिव विवाह महोत्सव और रोचक होगा। 

जानकारी के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाया जा रहा है। इसके तहत 25 फरवरी से ही विवाह महोत्सव को लेकर कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। 26 फरवरी की सुबह पूजनोत्सव के साथ काफी संख्या में घोड़े के साथ रथ के माध्यम से शिवजी की बारात निकलेगी। जो कचईनिया गांव, कोरान सराय, दखिनांव, आथर, शीतल टोला होते हुए पुनः बारात स्थानीय पार्वती मंदिर पहुंचेगी।

साथ ही साथ पारंपरिक गोंड़ की नाच के साथ यात्रा आकर्षक रहेगा। विभिन्न रथों पर विभिन्न प्रकार के देवी देवताएं विराजमान रहेंगे। उसके बाद शाम 4 बजे से आचार्या सुश्री किशोरी प्रज्ञा पांडे अयोध्या द्वारा श्रद्धालु श्रोताओं के बीच संगीतमय कथा प्रवचन चलेगा। यानी कुल मिला जुलाकर कार्यक्रम काफी भव्य होगा। जिसको लेकर समिति द्वारा तैयारियां जोरों से चल रही है। 

बता दें कि कंचनेश्वर मंदिर का शिवलिंग उस जगह पर स्वतः प्रकट हुआ था। जो कांव नदी के रमणीक तट पर व घने जंगलों के बीच स्थित है। इस जगह कई राजनेता भी आकर भगवान भोलेनाथ से आशीर्वाद प्राप्त किए हैं। लोग बताते हैं कि अपने समय में बाणासुर भी यहां आकर पूजा अर्चना करते थे। इसके अलावे भू-दान आंदोलन के प्रणेता विनोवा भावे की यह कर्मस्थली भी रही है। उन्हीं के नाम पर इस क्षेत्र को विनोवा वन के नाम से जाना जाता है।

क्षेत्र का यह प्रसिद्ध धाम है। फाल्गुन महाशिवरात्रि को भव्य मेला का आयोजन होता है। जहां क्षेत्र एवं दूर दराज से हजारों हजार की संख्या में लोग आकर भगवान शिव का दर्शन करते हैं तथा मेला का लुफ्त उठाते हैं। इस मेले में गुड़हा जलेबी, बच्चों के लिए मिट्टी का खिलौना, मिट्टी का बर्तन, महिलाओं के लिए पार्चून का सामान आदि यह सब प्रसिद्ध माना जाता है। जिसकी इस मेले में जमकर खरीदारी की जाती हैं।

शांति व्यवस्था के लिए समिति के कार्यकर्ता काफी तत्परता से लगे रहते हैं। वहीं शाम में भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है। जिसमें सैकड़ो श्रद्धालु भाग लेकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। मान्यता है कि महादेव कंचनेश्वर की पूजा अर्चना करने से हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है।