टीबी के लक्षणों से रहें सावधान, जांच जरूरी - डॉ. पांडेय

टीबी के लक्षणों से रहें सावधान, जांच जरूरी - डॉ. पांडेय

- बदलते मौसम में खांसी के लक्षणों की अनदेखी पड़ सकती है भारी

- लक्षण दिखने पर कराएं जांच, रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर होगा निःशुल्क इलाज 

केटी न्यूज/बक्सर 

बरसात और उमसभरी गर्मी के बीच लोग आसानी से बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। जिसमें सर्दी-जुकाम और खांसी और गले में खराश आम है। सर्द-गर्म मौसम के कारण लोग कई बार खांसी को गंभीरता से नहीं लेते। लेकिन अगर आपको लंबे समय से खांसी की समस्या है तो इसे लेकर आपको सचेत हो जाना चाहिए। अगर खांसी के साथ कफ, बुखार, सांस लेने में दिक्कत,

चक्कर आना या वजन कम होने जैसे लक्षण हैं तो तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। दरअसल जब बीमारी या फेफड़ों में जलन होती है तो खांसी के रूप में बलगम या एलर्जी बाहर निकलती है। जुकाम के बाद अक्सर खांसी की समस्या हो जाती है। ऐसी खांसी कुछ दिनों के बाद स्वतरू ठीक भी हो जाती है। वहीं, अगर यह समस्या लंबे समय तक रही तो खांसी को लेकर बहुत सावधान रहने की जरूरत है।

सामान्य खांसी एक सप्ताह के बाद ठीक हो जाती है 

जिला यक्ष्मा पदधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया, अमूमन सामान्य खांसी एक सप्ताह के बाद ठीक हो जाती है। वहीं, ये लक्षण 15 दिनों से अधिक रहते हैं तो लोगों में टीबी की संभावना अधिक रहती है। उन्होंने बताया कि लोगों को टीबी के लक्षणों की जानकारी होना आवश्यक है। जिसमें दो हफ्तों से अधिक खांसी, थकान महसूस होना, लगातार वजन घटना, रात में

पसीना आना, भूख में कमी होना व बलगम में खून आना शामिल हैं। टीबी के इन लक्षणों से सभी को सावधान रहने की जरूरत है। यदि किसी भी व्यक्ति में टीबी के ये लक्षण दिखाई दे तो वो अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर टीबी की जांच करा सकता है। जांच में यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आता है तब मरीज का तत्काल निक्षय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर इलाज शुरू किया जाएगा।

एचडब्ल्यूसी पर भी दे सकते हैं बलगम 

डॉ. पांडेय ने बताया, टीबी के लक्षण दिखाई देने पर लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपनी जांच कराएं। इसके लिए जिले में स्थित डुमरांव अनुमंडल अस्पताल, ब्रह्मपुर व सिमरी सीएचसी के साथ सदर अस्पताल, बक्सर में ट्रू-नॉट जांच की सुविधा उपलब्ध है। वहीं, जिला यक्ष्मा केंद्र पर सीबी-नॉट से मरीजों में टीबी की जांच की जाती है। साथ ही, केसठ, चक्की और चौसा के

सरैया एपीएचसी में टीबी के लक्षणों वाले मरीजों के लिए बलगम माइक्रोस्कोपिक जांच की सुविधा है। शेष प्रखंडों में टीबी यूनिट को संचालित करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। वहीं, मरीजों की परेशानी को देखते हुए पंचायत स्तर पर टीबी के लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित करते हुए सभी हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स पर स्पूटम लिया जा रहा है। ताकि लोगों को टीबी जांच के लिए प्रखंडों या जिला मुख्यालय का चक्कर न लगाना पड़े।