डेंगू से बचाव को लेकर रहे सतर्क, लोगों को जागरूक होना जरूरी - डॉ आरके सिंह

डेंगू से बचाव को लेकर रहे सतर्क, लोगों को जागरूक होना जरूरी - डॉ आरके सिंह
अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके सिंह

- लापरवाही बरतने से हो सकती है स्थिति गंभीर

केटी न्यूज/डुमरांव 

मौसम में बदलाव होने के साथ मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों का कहर इन दिनों लगातार बढ़ता जा रहा है। बारिश के मौसम में जगह-जगह पानी भरने की वजह से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इस मौसम में मच्छरों से फैलने वाली बीमारी डेंगू से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उक्त बातें शुक्रवार को केशव टाइम्स से मेथोडिस्ट अस्पताल प्रतापसागर के अधीक्षक डॉ आरके सिंह ने कहीं। उन्होंने बताया कि डेंगू मच्छरों के काटने से फैलती है।

अगर कुछ सावधानियां बरती जाये तो डेंगू से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने जिलेवासियों से बचाव को लेकर कई टिप्स बताये और कहा कि पानी खाली बर्तनों या गमलों में इकट्ठा ना होने दे। कूलर का पानी समय-समय पर बदलते रहे। रात के समय मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए। खुले जगहों पर मच्छरमार क्रीम या लोशन लगाये। डेंगू का लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से सलाह ले और तुरंत ब्लड टेस्ट कराये। डेंगू हेमरैजिक फीवर से जुड़ी कुछ ऐसी समस्याएं है, जो मरीज को परेशान कर सकती है। सामान्य तौर पर बुखार के लक्षण चार से सात दिनों तक देखने को मिलता है। इसके लिए बचाव ही सुरक्षा है। डेंगू के मरीजों का बुखार से 104 से 106 डिग्री तक भी जा सकता है। कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाता है, जो जानलेवा साबित होता है। बुखार आने के दो से पांच दिनों बाद लाल चकते दिखाई पड़ते है।

यह डेंगू बुखार का विशेष लक्षण है। डेंगू मरीजो में प्लेटनेस काउंट में भारी गिरावट देखी गयी है। पेट दर्द, बुखार होने पर तुरंत डॉक्टरों से सलाह ले ताकि इसका सही इलाज हो सके। उन्होंने कहा कि इस समय डेंगू व मलेरिया अपने पीक पर है। लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए तथा बीमार होने पर तत्काल डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेंगू का समय पर इलाज होने पर यह जानलेवा साबित नहीं होता है। लेकिन प्लैटलेट्स अधिक डाउन होने पर जान जाने का खतरा भी रहता है।