गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी सौगात: अब गांव-शहर के नजदीक ही मिलेगा एएनसी जांच का पूरा पैकेज

बक्सर जिले में गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा काफी बढ़ा दिया गया है। अब एएनसी (एंटीनाटल केयर) जांच के लिए दूर-दराज स्थित सदर अस्पताल या अनुमंडल अस्पताल तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकारी प्रयासों के तहत पहली बार पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र), एपीएचसी (अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और यूपीएचसी (अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) को भी नियमित प्रसव पूर्व जांच के लिए अधिकृत किया गया है। यह कदम जिले में सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी सौगात: अब गांव-शहर के नजदीक ही मिलेगा एएनसी जांच का पूरा पैकेज

-- बक्सर जिले में 12 नई एएनसी साइटों पर शुरू हुई सेवा, जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान और सुरक्षित प्रसव पर रहेगा विशेष फोकस

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर जिले में गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा काफी बढ़ा दिया गया है। अब एएनसी (एंटीनाटल केयर) जांच के लिए दूर-दराज स्थित सदर अस्पताल या अनुमंडल अस्पताल तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकारी प्रयासों के तहत पहली बार पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र), एपीएचसी (अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और यूपीएचसी (अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) को भी नियमित प्रसव पूर्व जांच के लिए अधिकृत किया गया है। यह कदम जिले में सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत पूरे बिहार में 568 नई साइटें चिह्नित की गई हैं। इनमें से 12 बक्सर जिले को आवंटित हुई हैं। इन साइटों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों और प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती से ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को अब समय पर और नजदीक में ही प्रसव पूर्व जांच का लाभ मिलेगा।डुमरांव प्रखंड क्षेत्र में पुराना भोजपुर स्थित यूपीएचसी और अमथुआ एपीएचसी को भी इस सूची में शामिल किया गया है। मंगलवार को पुराना भोजपुर यूपीएचसी में जांच की शुरुआत होते ही बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं पहुंचीं।

मेडिकल ऑफिसर डॉ. सेतु सिंह, जिला प्रबंधक (पिरामल फाउंडेशन) अजितेश कुमार, स्टाफ नर्स रविकांत सिंह, एएनएम वीणा कुमारी और अर्चना कुमारी ने मौके पर उपस्थित रहकर सभी महिलाओं की जांच सुनिश्चित की।पिरामल फाउंडेशन के जिला प्रबंधक अजितेश कुमार ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत हर महीने तीन चरणों में जांच होगीकृ9 तारीख को सामान्य गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच, 21 तारीख को अत्यंत जोखिम वाली महिलाओं की विशेष जांच और 15 तारीख को सलाह एवं फॉलो-अप शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में वजन, रक्तचाप, हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, अल्ट्रासाउंड सहित सभी जरूरी परीक्षणों की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं की पहचान करना है जो उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आती हैं, ताकि समय पर उपचार और रेफरल देकर जटिलताओं से बचा जा सके। अत्यंत जोखिम वाले मामलों को अनुमंडल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए भेजा जाएगा, जहां सप्ताह के छह दिन यानी सोमवार से शनिवार तक नियमित रूप से जांच उपलब्ध रहेगी।ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं ने नई साइटों के शुरू होने पर संतोष जताया। उनका कहना था कि पहले समय और दूरी के कारण जांच छूट जाती थी, लेकिन अब गांव के पास ही यह सुविधा मिलने से परेशानी कम हो गई है।

नई साइटों के संचालन से उम्मीद है कि जिले में प्रसव पूर्व जांच की दर बढ़ेगी, जटिल गर्भावस्था के मामलों की पहचान समय पर हो सकेगी और अंततः सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। बक्सर जिला स्वास्थ्य समिति इस पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रही है ताकि सेवाओं में किसी प्रकार की बाधा न आए और सभी महिलाओं तक इसका लाभ पहुंच सके।