बिक्रमगंज में अयोध्या के श्रीराम मंदिर के स्वरूप में भव्य दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण जारी

इस वर्ष, अयोध्या के श्रीराम मंदिर के भव्य स्वरूप में शहर के स्टेशन रोड, आस्कामिनी नगर, धारुपुर में एक भव्य पंडाल का निर्माण जोर-शोर से किया जा रहा है।

बिक्रमगंज में अयोध्या के श्रीराम मंदिर के स्वरूप में भव्य दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण जारी

केटी न्यूज/बिक्रमगंज (रोहतास)

 इस वर्ष, अयोध्या के श्रीराम मंदिर के भव्य स्वरूप में शहर के स्टेशन रोड, आस्कामिनी नगर, धारुपुर में एक भव्य पंडाल का निर्माण जोर-शोर से किया जा रहा है। इस पंडाल में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाएगी, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी। पंडाल निर्माण का कार्य पिछले दो सप्ताह से चल रहा है, जिसमें जामताड़ा, धनबाद (झारखंड) से आए कारीगर सलाउद्दीन और अलाउद्दीन जुटे हुए हैं। यह पंडाल शहर के आसपास के क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनकर उभरेगा। श्री श्री दुर्गा पूजा समिति, आस्कामिनी नगर ने बताया कि पंडाल को देखने के लिए अनुमंडल क्षेत्र के सभी पंचायतों से लोग, शहरी और ग्रामीण, बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इस वर्ष का विशेष आकर्षण यह है कि पंडाल में अयोध्या के श्रीराम मंदिर की अद्भुत आकृतियों का निर्माण किया जा रहा है। श्रद्धालु जब मां दुर्गा का दर्शन करने आएंगे, तो उन्हें श्रीराम मंदिर की भव्यता का अनुभव होगा। इस पंडाल में हर एक आकृति को इतनी बारीकी से उकेरा जा रहा है कि यह वास्तविकता का आभास दिलाएगा। पंडाल की ऊंचाई 65 फीट और चौड़ाई 42 फीट होगी, और इसका निर्माण कार्य अगले एक सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा। मूर्ति पंडाल का निर्माण कार्य डिहरी-ऑन-सोन के कारीगर निरंजन द्वारा किया जा रहा है। पंडाल के अंदर की सजावट और निर्माण कार्य ने क्षेत्र के निवासियों के बीच उत्साह और उल्लास का माहौल बना दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस पंडाल का निर्माण न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सामूहिकता का भी प्रतीक है। हर वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान ऐसे आयोजनों का महत्व बढ़ता है, जो लोगों को एकत्रित करते हैं और धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं। आशा की जा रही है कि इस बार दुर्गा पूजा समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे, जो पंडाल में स्थापित मां दुर्गा की भव्य मूर्ति के साथ-साथ अयोध्या के श्रीराम मंदिर के स्वरूप का भी अनुभव करेंगे। यह आयोजन स्थानीय संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।