स्वास्थ्य केंद्रों के कई चिकित्सकों द्वारा रोस्टर का पालन नहीं करने पर भड़के डीएम
जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में माह दिसंबर 2023 में संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 41 प्रतिशत था जो एक साल में यानी माह दिसंबर 2024 में 47 प्रतिशत तक बढ़ा। वहीं, बक्सर सदर अस्पताल में प्रसव के मामलों में गिरावट हुई है,
- बोले जिलाधिकारी... रोस्टर की समीक्षा करें सीएस और निर्बाध ओपीडी संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति करें
- जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों के साथ की बैठक, दिए निर्देश
केटी न्यूज/बक्सर
जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में माह दिसंबर 2023 में संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 41 प्रतिशत था जो एक साल में यानी माह दिसंबर 2024 में 47 प्रतिशत तक बढ़ा। वहीं, बक्सर सदर अस्पताल में प्रसव के मामलों में गिरावट हुई है, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए सिविल सर्जन शिव प्रसाद चर्कवर्ती को कार्य योजना बनाते हुए प्रगति प्राप्त करने का निर्देश दिया। वहीं, निजी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा संस्थागत प्रसव में शून्य प्रतिवेदन समर्पित किया जाने पर जिलाधिकारी ने संदेह व्यक्त करते हुए सिविल सर्जन को पंजीकृत निजी स्वास्थ्य संस्थानों के साथ अविलंब बैठक कर प्रसव आंकड़ों को अपडेट करने का फरमान जारी किया।
ओपीडी के लिए पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति करें :
चिकित्सक रोस्टर की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि स्वास्थ्य केंद्रों के कई चिकित्सक द्वारा रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा है। सिविल सर्जन बक्सर को अपने स्तर से रोस्टर की समीक्षा करेंगे एवं निर्बाध ओपीडी संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति करेंगे। साथ ही,
सदर अस्पताल अंतर्गत स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) की समीक्षा में पाया गया एसएनसीयू में 71 मामलों में से 85 प्रतिशत मामले में शिशु मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। वहीं, जिलाधिकारी ने 15 प्रतिशत रेफरल एवं मृत्यु दर में सुधार की कारवाई करते हुए शून्य करने का निर्देश दिया गया।
जन उपयोगी योजनाओं का फेसबुक लाईव करें :
सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि टेली कंसलटेंसी सेवाओं को उपलब्ध कराने में जिन सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की उपलब्धि 20 से कम अथवा संतोषजनक नहीं है। वैसे केंद्रों की जांच करते हुए कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए महिला बंध्याकरण हेतु 120 का लक्ष्य दिया गया है। निर्देश दिया गया कि कार्य योजना बनाकर लक्ष्य के अनुरूप चिकित्सकों के कार्य की निरंतर समीक्षा करने, जन उपयोगी योजनाओं का फेसबुक लाईव के माध्यम से प्रसारित करने का निर्देश दिया गया।
टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम का नियमित अनुश्रवण करें :
टीबी मुक्त पंचायत की समीक्षा के क्रम में जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी बक्सर द्वारा बताया गया कि कुल 136 पंचायतों में से लगभग 55 पंचायत को टीबी मुक्त करने की कार्य योजना तैयार की गई है। निर्देशित किया गया कि नियमित रूप से अनुश्रवण करते हुए लक्ष्य की प्राप्ति करें। दूसरी ओर, कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि माह दिसंबर में 09 कुपोषित बच्चों को सुविधा प्रदान की गई है,
जिस पर जिला पदाधिकारी द्वारा खेद व्यक्त किया गया। जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा बताया गया कि प्रगति लाने हेतु आरबीएसके की टीम का गठन किया गया है। निर्देश दिया गया कि आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों एवं अन्य संस्थाओं में भ्रमण करते हुए निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध प्रगति लाना सुनिश्चित करेंगे।
प्रत्येक सप्ताह सभी मापदंडों पर बैठक करें :
जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि अपने स्तर से सदर अस्पताल बक्सर एवं अनुमंडलीय अस्पताल डुमरांव के चिकित्सकों के साथ बैठक करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही प्रत्येक सप्ताह सभी मापदंडों पर बैठक करते हुए बैठक से संबंधित कार्यवाही उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। सदर अस्पताल बक्सर एवं अनुमंडलीय अस्पताल डुमरांव में बायो मेडिकल वेस्ट, अन्य वेस्ट संग्रहण हेतु कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बक्सर एवं डुमरांव से समन्वय स्थापित करते हुए कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा सिविल सर्जन एनक्वास, लक्ष्य व कायाकल्प सर्टिफिकेशन प्राप्त करने हेतु कार्य योजना बनाते हुए सभी अवयवों में प्रगति प्राप्त करेंगे।