बिहार के 40 किसानों के लिए मऊ में मोटे अनाज की वैज्ञानिक खेती पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

मऊ: बिहार के रोहतास से आए 40 किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ में श्री अन्न (छोटे और मोटे अनाज) की वैज्ञानिक खेती पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

बिहार के 40 किसानों के लिए मऊ में मोटे अनाज की वैज्ञानिक खेती पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

केटी न्यूज़/ मऊ

मऊ: बिहार के रोहतास से आए 40 किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ में श्री अन्न (छोटे और मोटे अनाज) की वैज्ञानिक खेती पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। यह कार्यक्रम निदेशक डॉ. संजय कुमार के निर्देशन में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा), रोहतास, बिहार द्वारा प्रायोजित है।

प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अंजनी कुमार सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए मोटे अनाजों के महत्व पर जोर दिया और बताया कि यह खेती हमारी परंपरा का हिस्सा रही है, जिसे पुनर्जीवित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ वैज्ञानिक तरीकों की भी जानकारी मिलेगी।

वैज्ञानिक डॉ. आलोक कुमार ने किसानों को मंडुआ, ज्वार, मक्का और बाजरा के गुणवत्तायुक्त बीजों की उपयोगिता समझाई और अपने खेतों में गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने के उपाय बताए। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में छोटे और मोटे अनाजों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

वैज्ञानिक डॉ. अमित कुमार दाश ने मृदा की गुणवत्ता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह बीज उत्पादन में अहम भूमिका निभाती है। वहीं, डॉ. कल्याणी कुमारी ने किसानों को बीजों की भौतिक शुद्धता, नमी और बीज के वजन की जांच के लिए उपयुक्त प्रायोगिक विधियां सिखाईं, ताकि किसान घर पर ही बीजों की जांच कर सकें।

कार्यक्रम के अंत में किसानों ने खेती में आने वाली समस्याओं को वैज्ञानिकों के सामने रखा और समाधान पर चर्चा की। उद्घाटन समारोह में संस्थान के सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।