स्कूल नहीं जाने वाले छात्रों का नामांक होगा रद्द, विभाग ने जारी किया निर्देश

स्कूल नहीं जाने वाले छात्रों का नामांक होगा रद्द, विभाग ने जारी किया निर्देश
स्कूल में पढ़ाई करते बच्चे फाइल फोटो

- लगातार 15 दिनों तक गायब रहने वाले छात्रों का काटा जाएगा नाम

केटी न्यूज/केसठ

अब प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के नाम सरकारी स्कूलों से कटेंगे। ऐसे छात्र-छात्राओं की ट्रैकिंग होगी। योजनाओं का लाभ लेने के लिए राज्य के सरकारी स्कूलों में नाम लिखाकर प्रदेश एवं दूसरे राज्यों के प्राइवेट संस्थानों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के नाम भी कटेंगे। वहीं, स्कूल में लगातार 15 दिन अनुपस्थित रहने वाले छात्र छात्राओं का नामांकन रद्द किया जाएगा। इसके लिए डीईओ एवं डीपीओ पांच-पांच स्कूल एडॉप्ट करेंगे जिसके तहत लगातार तीन दिन अनुपस्थित मिलने वाले छात्रों को स्कूल नहीं आने के कारण बताते हुए आवेदन देना होगा। इस दौरान शिक्षक उक्त छात्र के अभिभावक से भी संपर्क करेंगे। वही प्राइवेट स्कूलों में

पढ़ने वाले बच्चों का नाम भी सरकारी स्कूलों से कटेगा। इससे संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को दिया है। दरअसल, एक जुलाई से राज्य में सरकारी स्कूलों के लिए मॉनीटरिंग की व्यवस्था लागू है। इसके तहत राज्य भर में सरकारी स्कूलों का निरीक्षण चल रहा है। जुलाई से अब तक 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले स्कूलों की संख्या घट रही है। फिर भी लगभग 10 प्रतिशत स्कूल ऐसे है, जहां छात्र उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है। 

डीईओ एवं डीपीओ पांच-पांच स्कूल एडॉप्ट करेंगे

अपर मुख्य सचिव के निर्देश के अनुसार हर जिले के डीईओ एवं डीपीओ पांच-पांच स्कूल एडॉप्ट करेंगे। आरडीडीई भी जिला मुख्यालय के कम से कम पांच स्कूल एडॉप्ट करेंगे। जिस डीपीओ के कार्यक्षेत्र में 50 फीसदी से कम छात्र उपस्थिति वाले स्कूल नहीं हैं, तो उन्हें कार्यक्षेत्र के बाहर के स्कूल दिए जाएंगे। एडॉप्ट स्कूलों में अधिकारी हर दिन जाएंगे। छात्र और अभिभावक से बात करेंगे।

लगातार तीन दिन अनुपस्थित मिलने वाले छात्रों को अभिभावक को नोटिस 

लगातार तीन दिन अनुपस्थित मिलने वाले छात्रों के अभिभावकों को प्रधानाध्यापक नोटिस देंगे। 15 दिन लगातार अनुपस्थित रहने पर छात्र का नामांकन रद्द किया जाएगा। निर्देश के अनुसार हरेक छात्र की ट्रैकिंग होगी। यह देखा जाएगा कि वे कहीं एक साथ दो स्कूलों में तो नहीं पढ़ रहे है। निर्देश का पत्र जारी होने के बाद से विभाग के अधिकारी इस कार्य में लग गए है।