एसजेवीएन मे नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ो की ठगी मामले में दर्ज हुआ एफआईआर, जांच में जुटी पुलिस
चौसा में निर्माणाधीन 1320 मेगावॉट थर्मल पॉवर प्लांट के निर्माण कार्य में जुटी एसजेवीएन कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ो छात्रों से करोड़ो की ठगी मामले में डीएम अंशुल अग्रवाल व एसपी शुभम आर्य के निर्देश पर मुफस्सिल थाने में सामूहिक रूप से एफआईआर दर्ज कराया गया है। एफआईआर दर्ज होते ही पीड़ित छात्रों को अब न्याय मिलने की उम्मीद जग गई है।
- डीएम के निर्देश पर मुफस्सिल थाने में पीड़ित छात्रों ने सामूहिक रूप से दर्ज कराया है एफआईआर
- एफआईआर दर्ज होने के बाद छात्रों को न्याय मिलने की जगी है उम्मीद
- पिछले वर्ष एसजेवीएन में नौकरी लगाने के नाम पर सैकड़ो युवाओं से करोड़ो रूपए लेकर चंपत हो गए है जालसाज
केटी न्यूज/बक्सर
चौसा में निर्माणाधीन 1320 मेगावॉट थर्मल पॉवर प्लांट के निर्माण कार्य में जुटी एसजेवीएन कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ो छात्रों से करोड़ो की ठगी मामले में डीएम अंशुल अग्रवाल व एसपी शुभम आर्य के निर्देश पर मुफस्सिल थाने में सामूहिक रूप से एफआईआर दर्ज कराया गया है। एफआईआर दर्ज होते ही पीड़ित छात्रों को अब न्याय मिलने की उम्मीद जग गई है। वही, पुलिस एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच व जालसाजों के गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गई है। छात्रों ने इस मामले में सिकरौल थाना क्षेत्र के तेतरहर गांव निवासी सिद्धेश्वर यादव के पुत्र रंजन यादव, उसके जीजा अजय कुमार सिंह पिता स्व. सूरज सिंह तथा रंजन के साला व पत्नी पर सुनियोजित तरीके से एसजेवीएन कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ो रूपए ठग लेने का आरोप लगा एफआईआर दर्ज कराया है। एफआईआर के आवेदन पर कुल 102 छात्रों ने हस्ताक्षर किए है।
सुनियोजित तरीके से छात्रों को बनाया गया है शिकार
बता दें कि जिले में यह ठगी का काफी अनोखा मामला है, जिसमें सैकड़ो छात्रों से सुनियोजित तरीके से ठगी किया गया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ठगी के शिकार छात्रों को एक साल तक कुछ पता नहीं चल पाया था कि वे जालसाजों के चंगुल में फंस गए है, लेकिन जब छात्रों ने कंपनी में नौकरी दिलाने व एसजेवीएन के किसी अधिकारी से बात कराने का दबाव डाला तो जालसाजों ने इन्हें एसजेवीएन का फर्जी एप्वाइंटमेंट लेटर थमा दिल्ली, नेपाल व भुटान तक भेजा गया। वहा जाने के बाद छात्रों को पता चला कि एसजेवीएन द्वारा न तो ऐसा कोई रिक्रुटमेंट किया गया है और न ही यह ज्वाइनिंग लेटर सही है। इसके बाद पीड़ितों के पैरतले जमीन खिसक गई। जालसाजों ने उन्हs एसजेवीएन कंपनी में सिविल इंजिनियर बनाने का झांसा दे एक से पांच लाख रूपए की ठगी प्रत्येक छात्रों से की थी।
छात्रों से अलग-अलग जगहों पर करवाया जा रहा था जमीन का सर्वे
इस दौरान एक साल तक जालसाजों ने न सिर्फ छात्रों को झांसे में लेने के लिए बतौर सेलरी उनके एकाउंट में खुद से 40 हजार रूपए डालते रहे तथा उनसे कभी डुमरांव के खलवा इनार से बिहिया के अलावे बसंतपुर से गया तक, नवीनगर से चौसा तक तथा दुर्गावती से चौसा तक की भूमी इनलोगो एवं अन्य लोगो से सर्वे कराई गई। इस दौरान छात्र जब भी पूछते है कि सेलरी एसजेवीएन के नाम पर क्यों नहीं आ रही है तथा हमें कभी प्लांट का विजिट क्यों नहीं कराया जा रहा है तो जालसाज उनकी बातों को टाल देते थे तथा कहते थे कि जल्दी ही उन्हें प्लांट में भी नौकरी करने को मिलेगा।
ऐसे बनया गया था छात्रों को शिकार
इटाढ़ी थाना क्षेत्र के कलपोखर गांव निवासी पीड़ित छात्र रवि पाल पिता महेन्द्र पाल ने पुलिस को दिए आवेदन में जिक्र किया है कि इनके पिता एवं गांव के अन्य लोग चौसा पावर प्लांट में काम करते थे, उसी दौरान रंजन कुमार से वर्ष 2022 में संपर्क हुआ। रंजन कुमार के द्वारा इन्हें पावर प्लांट में नौकरी लगवाने की बात कहकर इनसें फार्म भरवाया गया, अन्य शैक्षणिक दस्तावेज लिया गया तथा बजाप्ते परीक्षा लिया गया तथा मेरिट निकाल इनका सलेक्शन किया गया था तथा जालसाजों ने बताया कि सिविल इंजीनियर के तौर पर इनकी नौकरी लग गई है।
शुरू में रंजन कुमार द्वारा इन्हें प्रति माह 40 हजार रूपए इनके एकांउट में भेजा गया और नौकरी लगाने के नाम पर इनसे एक लाख रूपया एक मुश्त भी लिया गया। फिर रंजन कुमार ने मार्च 2023 में इनलोगों को डुमरांव थाना अन्तर्गत खलवा इनार ले जाया गया और ट्रांसमिशन लाइन के लिए खेत-जमीन का सर्वे का काम दिया गया। प्रति माह सर्वे के काम के लिए इन्हे एकांउट में पैसा दिया जाने लगा। जब इनके द्वारा रंजन कुमार से यह पूछा गया कि एसजेवीएन के द्वारा पैसा न देकर आपके द्वारा क्यों पैसा दिया जा रहा है। इसपर रंजन कुमार बहाना बनाकर इन्हें कभी भी पॉवर प्लांट नहीं जाने दिए।इसी प्रकार अन्य पीड़ित जयप्रकाश चौरसिया पिता कामेश्वर चौरसिया, सिकरौल, बसीम अकरम पिता जलालुद्दीन, केवरीया, सिकरौल, अनु चौधरी पिता रविन्द्र चौधरी, सिकरौल, रवि रंजन कुमार पिता रविन्द्र यादव, तेतरहर आदि ने बताया कि रंजन कुमार ने पॉवर प्लांट में नौकरी लगाने के नाम पर इनलोगों से एक मुश्त पैसा लिया और फिर एसजेवीएन के नाम का फर्जी एप्वाइंटमेंट लेटर भी इन्हें दिया। रंजन कुमार के द्वारा इनलोगों से ट्रांसमिशन लाइन के लिए जमीन सर्वे का काम लिया गया तथा इनलोगों को कभी भी पॉवर प्लांट नहीं जाने दिया गया और न ही एसजेवीएन के किसी पदाधिकारी से बात करने दिया गया।
लगभग एक वर्ष तक काम करने के बाद इनलोगों तथा इन जैसे कई लोगों को जब रंजन कुमार पर विश्वास हो गया तो रंजन कुमार ने उन्हें बताया कि हमें और लड़कों की जरूरत है। तब हमलोगों ने अपने सगे संबंधी में सैकड़ों की संख्या में लड़कों को रंजन कुमार से मिलवाया। रंजन ने अपने जीजा अजय कुमार, साला और पत्नी एवं अन्य अज्ञात के साथ मिलकर सुनियोजित तरीके से सभी लड़कों से 1 से 5 लाख तक रूपया एसजेवीएन में नौकरी लगाने के नाम पर लिया गया। सभी लड़कों का शैक्षणिक, शारीरिक आदि जांच किया गया, उनका फर्जी परीक्षा लिया गया, फर्जी मेरीट लिस्ट, फर्जी एप्वाइंटमेंट लेटर एवं अन्य कुटरचित दस्तावेज दिये गये।
अभ्यर्थियों को नेपाल, दिल्ली, भुटान आदि जगहों पर एसजेवीएन ज्वाइन करने हेतु ज्वाइनिंग लेटर दिया गया। जब अभ्यार्थि को दिये गये एप्वाइंटमेंट लेटर को लेकर नौकरी ज्वाइन करने गये तो उन्हे बताया गया कि ऐसा कोई एप्वाइंटमेंट लेटर एसजेवीएन द्वारा निर्गत नहीं किया गया तब सभी को छल एवं धोखाधड़ी का अंदाजा हुआ।
कहते है एसपी
इस मामले की जांच डीएम के निर्देश पर सदर एसडीओ ने की थी, उनके जांच प्रतिवेदन के आधार पर इस मामले में मुफस्सिल थाने में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। जल्दी ही जालसाजों को पकड़ लिया जाएगा। - शुभम आर्य, एसपी, बक्सर