खुशखबरी: बक्सर यूपीएचसी को राज्य स्तर पर मिला एनक्वास सर्टिफिकेट
बक्सर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस/एनक्वास) सर्टिफिकेशन की राह अब आसान हो गई है। राज्य स्तर पर बक्सर यूपीएचसी को एनक्वास के लिए सर्टिफाइड कर दिया गया है। बक्सर यूपीएचसी को राज्य की ओर से 77.50 प्रतिशत अंक दिए गए हैं। जिसके बाद अब यूपीएचसी को राष्ट्रीय स्तर पर एनक्वास सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन देने की प्रक्रिया शुरू हो गई।
- अब राष्ट्रीय स्तरीय टीम करेगी अस्पताल का असेसमेंट, जल्द निरीक्षण के लिए किया जाएगा आवेदन
- बोले सीएस... जल्द से जल्द चिह्नित कर कमियों को किया जाएगा दूर
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस/एनक्वास) सर्टिफिकेशन की राह अब आसान हो गई है। राज्य स्तर पर बक्सर यूपीएचसी को एनक्वास के लिए सर्टिफाइड कर दिया गया है। बक्सर यूपीएचसी को राज्य की ओर से 77.50 प्रतिशत अंक दिए गए हैं। जिसके बाद अब यूपीएचसी को राष्ट्रीय स्तर पर एनक्वास सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन देने की प्रक्रिया शुरू हो गई।
वहीं, यूपीएचसी को राज्य स्तर पर प्रमाणित करने के बाद से जिला स्वास्थ्य समिति से लेकर यूपीएचसी के अधिकारी और कर्मीचारी उत्साहित हैं। बताते चले कि बीते 27 मई को बक्सर यूपीएचसी के असेसमेंट के लिए राज्य से दो सदस्यीय टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया था। टीम के सदस्यों ने तीन दिनों तक अस्पताल के सभी विभागों की समीक्षा करने के साथ साथ यहां मिलने वाली सेवाओं व सुविधाओं के साथ गुणवत्ता की भी जांच की थी। जिसके बाद टीम ने 77.50 प्रतिशत अंकों के साथ बक्सर को पहले स्थान के साथ एनक्वास प्रमाणित किया है।
राष्ट्रीय स्तर पर एनक्वास सर्टिफाइड होने पर मिलेगी तीन लाख रुपए की पुरस्कार राशि
इस संबंध में डीसीक्यूए कुमारी रुचि ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर सर्टिफिकेशन की जांच के बक्सर यूपीएचसी को पूरी तरह से तैयार किया जाएगा। क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर एनक्वास सर्टिफाइड होने के बाद यूपीएचसी को पुरस्कार के रूप में तीन लाख रुपए दिए जाएंगे। यह पुरस्कार राशि 70 प्रतिशत राष्ट्रीय टीम के द्वारा सभी मानकों और मापदंडों में 70 प्रतिशत अंक मिलने के बाद दी जाती है।
उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्य की ओर से यूपीएचसी को 77.50 प्रतिशत अंक दिए गए हैं। जिसके बाद एक माह के अंदर राष्ट्रीय स्तर पर असेसमेंट के लिए आवेदन कर लेना है। ताकि, यूपीएचएस को हर हाल में पुरस्कार की राशि दिलाई जा सके। उन्होंने कहा कि एक बार एनक्वास सर्टिफाइड होने के बाद तीन साल तक अस्पताल को 3-3 लाख रुपए की राशि प्राप्त होगी। उसके बाद एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए फिर से आवेदन करना होगा।
जिले से लेकर अस्पताल तक के अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया योगदान
सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि बक्सर यूपीएचसी जिले का पहला स्वास्थ्य संस्थान है जिसको राज्य स्तर पर एनक्वास सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। वहीं, इस असेसमेंट में बक्सर यूपीएचसी का अन्य जिलों के स्वास्थ्य संस्थानों से बेहतर प्रदर्शन रहा है। जिसका श्रेय जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर के अधिकारियों को तो जाता ही है,
साथ ही वहां के कर्मियों ने भी इसके लिए काफी सराहनीय योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की टीम के द्वारा असेसमेंट करने से पहले जो भी चिह्नित कमियां हैं इनको दूर किया जाएगा। ताकि, बक्सर यूपीएचसी को और भी अंकों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर एनक्वास सर्टिफिकेट दिलाया जा सके।