प्रखंड के एक-एक व्यक्ति को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवाइयां : डॉ. हरिशंकर

प्रखंड के एक-एक व्यक्ति को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवाइयां : डॉ. हरिशंकर
मजदूरों को दवा खिलाते स्वास्थ्य कर्मी व अन्य

- एमडीए के तहत सोनपुर प्रखंड के चतुरपुर में ईंट-भट्ठा मजदूरों को खिलाई गई दवाइयां
- लाभुकों को उम्र और लंबाई के अनुसार दी जा रही हैं दवाइयां

छपरा | फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर जिले में सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) के तहत दवाइयां खिलाई जा रही हैं। इस क्रम में जिले के सोनपुर प्रखंड में भी दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। सोमवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. हरिशंकर चौधरी के नेतृत्व में प्रखंड के चतुरपुर स्थित अनमोल ईंट- भट्ठा के मजदूरों और उनके परिवार के सदस्यों को दवाइयां खिलाई गई। इस दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चौधरी ने मजदूरों को बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए सभी को साल में एक बार दवाओं का सेवन करना चाहिए। अभियान के तहत प्रखंड के एक-एक लाभुक को फाइलेरिया रोधी दवाएं डीईसी और अल्बेंडाजोल  खिलाई जाएंगी।
डॉ. चौधरी ने बताया दवाओं के सेवन से आम लोगों के फाइलेरिया की चपेट में आने की संभावना कम हो जाती है। साथ ही, लोगों को मच्छरों से बचाव के प्रबंधन करने होंगे। फाइलेरिया रोग के दुष्परिणाम 5 से 15 साल बाद दिखते हैं। शुरू में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता  और जब यही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता  तो फाइलेरिया के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। इस बीमारी से हाथ, पैर, स्तन और अंडकोष में सूजन पैदा हो जाती है। सूजन से फाइलेरिया प्रभावित अंग भारी हो जाता है और दिव्यांगता जैसी स्थिति बन जाती। प्रभावित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टदायक हो जाता है। यह एक लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी से बचाव के लिए वर्ष में एक बार दवा खाना जरूरी है।

पांच साल तक इस दवा का सेवन करना आवश्यक :
डॉ. हरिशंकर चौधरी ने लोगों से भ्रांतियों से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रस्तावित सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान उपलब्ध कराई जाने वाली दवा का सेवन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले लोगों के शरीर में भी फाइलेरिया रहती है और 14-14 वर्ष बाद भी इसका असर शुरू होता। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए लोगों को लगातार पांच साल तक इस दवा का सेवन करना आवश्यक है। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि दवा खाने से कुछ लोगों में उल्टी, बुखार, खुजली आदि जैसी मामूली रिएक्शन हो सकते हैं। यह बेहद सामान्य बात है और इससे ठीक होने के लिए किसी खास दवा की जरूरत नहीं पड़ती है।

इन्हें नहीं खिलाई जाएगी दवा :
दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, एक सप्ताह पूर्व मां बनी महिलाओं तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को दवा नहीं खिलाई जाएगी। उक्त लोगों को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को उनके उम्र के अनुसार दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों के समक्ष ही दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। इसके लिए लाभुकों के उम्र और लंबाई के अनुसार दवाइयां दी जा रही है।
अभियान में कुल 110 लोगों को दवा खिलाई गई। इस दौरान नेटवर्क मेंबर राजीव कुमार, सीफार के सोनपुर प्रखंड समन्वयक रंजन कुमार, पीसीआई के सत्य प्रकाश, बीसीएम पूनम कुमारी उपस्थित रहीं। वहीं, इस दौरान नेटवर्क मेंबर राजीव कुमार ने मजदूरों को दवाओं का सेवन करने को लेकर जागरूक किया। उन्होंने मजदूरों को दवाओं के फायदों की जानकारी दी और उन्हें प्रेरित किया।