हीमोफिलिया के मरीजों को उपलब्ध होगी ससमय चिकित्सीय सुविधा

हीमोफिलिया के मरीजों को उपलब्ध होगी ससमय चिकित्सीय सुविधा

सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में होता है हीमोफिलिया के मरीजों का नि:शुल्क उपचार 

राज्य में हीमोफिलिया के 1557 मरीज चिन्हित : डॉ. एनके गुप्ता

केटी न्यूज, पटना । राज्य में हीमोफिलिया बीमारी की वर्तमान स्थिति एवं इसके उपचार के क्षेत्र में किये जा रहे नवीनतम चिकित्सीय प्रयासों पर राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार एवं हीमोफिलिया सोसाइटी पटना, बिहार चैप्टर के तत्वावधान में सोमवार को पटना स्थित एक निजी होटल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राज्य के सभी 38 जिलों के हीमोफिलिया के नोडल पदाधिकारी, देश के कई स्वास्थ्य संस्थानों के प्रसिद्ध हीमोफिलिया विशेषज्ञों ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के अपर कार्यपालक निदेशक, केशवेन्द्र कुमार ने की। पूरे कार्यक्रम का संचालन राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, ब्लड सेल, डॉ. एनके गुप्ता ने किया।

इस समय राज्य में दो डे केयर सेंटर :

कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के अपर कार्यपालक निदेशक, केशवेन्द्र कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग हीमोफिलिया के मरीजों को सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रही है। राज्य में इस समय दो डे केयर सेंटर पीएमसीएच पटना एवं एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में कार्यरत हैं। जहां हीमोफिलिया से ग्रसित मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मगध मेडिकल कॉलेज गया एवं जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज भागलपुर में डे केयर सेंटर तैयार हो चुका है। जहां जल्द ही हीमोफिलिया से ग्रसित मरीजों को सभी जरुरी चिकित्सीय सेवा उपलब्ध होगी. पुर्णिया में भी डे केयर सेंटर स्थापित करने की स्वीकृति मिल चुकी है और जल्दी ही इसे भी तैयार कर लिया जायेगा।

2006 में पहला हीमोफिलिया अस्पताल को शुरू किया गया था :

कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, ब्लड सेल, डॉ. एनके गुप्ता ने कहा कि अभी तक राज्य में अभी तक हीमोफिलिया के 1557 मरीज चिन्हित किये जा चुका हैं। जिनका विभिन्न चिकित्सीय संस्थानों में उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में आज ही दिन 2006 में पहला हीमोफिलिया अस्पताल को शुरू किया गया था। अब न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल को हीमोफिलिया सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है कि हीमोफिलिया के मरीजों को रक्त की उपलब्धता हमेशा बनी रहे। डॉ. गुप्ता ने बताया कि जल्दी ही राज्य के सभी 38 जिलों में हीमोफिलिया ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना की जाएगी।

 

कार्यशाला में आये विशेषज्ञों ने हीमोफिलिया के उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा की. हीमोफिलिया सोसाइटी पटना, बिहार चैप्टर के कुमार शैलेंद्र ने हीमोफिलिया की शुरूआत से लेकर वर्तमान स्थिति के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया और कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को इसके बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में अंशुल अग्रवाल, कार्यक्रम निदेशक, एम्स नयी दिल्ली के डॉ. अविनाश सिंह, डॉ. एससी झा, एनआरएस मेडिकल कॉलेज, कोलकाता के डॉ. प्रांतर चक्रबर्ती, एम्स, पटना की डॉ. रूचि सिन्हा एवं डॉ. चंद्र मोहन सहित कई विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी।