बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा एवं प्रारंभिक देखभाल से उनका समग्र विकास संभव- डॉ. कौशल किशोर

बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा एवं प्रारंभिक देखभाल से उनका समग्र विकास संभव- डॉ. कौशल किशोर

-  प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

- आईसीडीएसऔर शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवम शिक्षा के लिए पांच वर्षो के लिए भावी योजना पर हुई चर्चा 

केटी न्यूज/पटना

प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवम शिक्षा के लिए पांच वर्षो के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल, शिक्षा के लिए पांच वर्षों के लिए भावी योजना तैयार करने तथा समग्र प्रगति पत्रक बनाने के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। आईसीडीएस और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में इंडिया पार्टनरशिप फॉर अर्ली लर्निंग प्रोजेक्ट के तहत कार्यशाला का आयोजन दिनांक 11 अप्रैल से 13 अप्रैल तक चाणक्या होटल में किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ निदेशक, आईसीडीएस डॉ. कौशल किशोर एवं निदेशक, एससीईआरटी, सज्जन आर द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में आईसीडीएस, एससीईआरटी, केयर इंडिया, यूनिसेफ, पीरामल फाउंडेशन, सेव दी चिल्ड्रेन , प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन , सी एस एफ एवम रूम टू रीड के राज्य प्रतिनिधि,जिला व परियोजना स्तरीय सदस्य, शिक्षक एवम जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के सदस्य सम्मिलित हुए।

बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा एवं देखभाल से पड़ती है उनके उज्जवल भविष्य की नींव:

कार्यशाला को संबोधित करते हुए निदेशक डॉ. कौशल किशोर ने कहा कि जैसे एक नए पौधे को निरंतर देखभाल की जरुरत होती है उसी तरह बाल्यावस्था में प्रारंभिक शिक्षा एवं देखभाल बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करता है। उन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा बेहतर स्कूल की तैयारी की तरफ बढ़ने में मदद करती है। हम सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे प्राथमिक विद्यालय में जाना तभी शुरू करें जब वे विकासात्मक तौर पर इसके लिए तैयार हों। इसमें आंगनबाड़ी केंद्रों पर शालापूर्व शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना जरुरी है। 

केयर इंडिया की कार्यक्रम निदेशक डॉ. नीता वर्मा ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्र और बच्चों का विकास कैसे हो इसपर योजनायें तैयार की गयीं हैं। इनमे आंगनबाड़ी केंद्र में सुधार करना, बच्चों की मॉनिटरिंग सेविकाओं का प्रशिक्षण आदि शामिल है।