निजी चिकित्सकों के अधीन उपचारित टीबी रोगियों को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी दवा

निजी चिकित्सकों के अधीन उपचारित  टीबी रोगियों को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी दवा

जिला यक्ष्मा केंद्र व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में निजी चिकित्सकों को दिया गया प्रशिक्षण

टीबी के नए रोगियों की खोज के लिए चलाया जाएगा विशेष अभियान

केटी न्यूज, बक्सर। राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब निजी चिकित्सकों को निक्षय  योजना के तहत जोड़ने का कार्य चल रहा है। ताकि, अधिक से अधिक लोगों का नोटिफिकेशन करते हुए उनका इलाज कराया जा सके। इस क्रम में टीबी उन्मूलन की दिशा में जिला यक्ष्मा केंद्र व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में प्रशिक्षण सह बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के सभी प्रखंडों से विभिन्न निजी चिकित्सा संस्थानों के टीबी चिकित्सक व प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान निजी चिकित्सकों को टीबी उन्मूलन, केस नोटिफिकेशन, डॉट, निक्षय सेतु एवं आउटकम पर प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन के एनटीईपी समन्वयक डॉ. बिजेंद्र सौरभ ने सभी निजी चिकित्सकों को निक्षय वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन एवं भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, उन्हें नि:शुल्क नैट जांच सुविधा के संबंध में भी बताया। प्रशिक्षण में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल भट्ट, आईएमए के अध्यक्ष डॉ. वीके सिंह के अलावा एनटीईपी के एसटीएस कुमार गौरव, एसटीएस राहुल कुमार, राहुल कुमार श्रीवास्तव व निजी संस्थानों के चिकित्सक मौजूद रहे ।

2025 तक टीबी रोग का उन्मूलन किया जाना है :

इस दौरान एसीएमओ सह सीडीओ डॉ. अनिल भट्ट ने बताया, फिलवक्त जिले में नैट  जांच सुविधा  जिला यक्ष्मा केंद्र व सदर अस्पताल के अलावा सिमरी, ब्रह्मपुर एवं डुमरांव अनुमंडल अस्पताल में उपलब्ध है। बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक टीबी रोग का उन्मूलन किया जाना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिले के सभी निजी चिकित्सकों द्वारा अपने अधीन उपचारित समस्त टीबी रोगियों का शत-प्रतिशत नोटिफिकेशन भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन की अनुपालना में अनिवार्य रूप से किया जाना है। साथ ही समस्त टीबी रोगियों का एचआईवी टेस्ट, निक्षय पोषण योजना के तहत डीबीटी, यूडीएसटी एवं ट्रीटमेंट आउटकम आदि बिंदुदूओं का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने सभी निजी चिकित्सकों से अपने स्तर पर उपचारित प्रत्येक टीबी रोगी को सरकार की निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत उपचार की पूरी अवधि तक प्रति माह 500 रुपये की सहायता दिलवाने व प्रत्येक टीबी रोगी की ड्रग एडरेंस व इलाज के बाद मरीज का आउट-कम का निर्धारण निक्षय पोर्टल पर दर्ज किए  जाने की बात कही । 

स्वास्थ्य विभाग नि:शुल्क  उपलब्ध करवाएगा टीबी की दवा :

डब्ल्यूएचओ के एनटीईपी समन्वयक डॉ. बिजेंद्र सौरभ ने प्रशिक्षण में निजी चिकित्सकों को निक्षय सॉफ्टवेयर से जुड़ी जानकारियां देते हुए बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब प्रत्येक निजी चिकित्सों के स्तर से नोटिफाइड व अधीन उपचारित समस्त टीबी रोगियों के लिए स्वास्थ्य विभाग नि:शुल्क दवा उपलब्ध करवाएगा। जिससे आर्थिक रूप से कमजोर प्रत्येक टीबी रोगी का सुचारू रूप से इलाज हो पाएगा। निजी चिकित्सकों से अपनी ही आईडी से संबंधित टीबी रोगियों का एचआईवी टेस्ट, डीबीटी एवं ट्रीटमेंट आउटकम की इंट्री की जाने की उपयोगिता बताई। साथ ही प्रत्येक टीबी रोगी का यूडीएसटी टेस्ट का महत्व बताया। कार्यशाला में जिले में सर्वाधिक नए टीबी रोगियों की खोज की दिशा में शहरी क्षेत्र में कच्ची बस्ती, कुपोषित वर्ग, आर्थिक रूप से पिछडे व अल्पसंख्यक घनी आबादी क्षेत्र में टीबी रोगी खोज अभियान के तहत विशेष कार्य योजना तैयार करने पर चर्चा की गई। जिसके तहत डोर टू डोर सर्वें कर संभावित टीबी रोगियों को खोजने और उन्हें अतिशीघ्र उपचार में लाने की कार्यवाही करने की बात कही गई।