सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की गुणवत्ता में सुधार जरुरी: मो. मसूद आलम
- राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत 22 जिलों की हुई समीक्षा बैठक
- पीएसआई एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में हुआ कार्यशाला का आयोजन
पटना | शहरी आबादी को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में बड़े अस्पतालों के साथ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की भूमिका भी अहम् मानी जाती है। शहरी क्षेत्रों में हाशिये पर रह रहे लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के द्वारा ही होती है। राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी आमजनों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो सके। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत उक्त स्वास्थ्य केंद्रों के गुणवत्तापूर्ण संचालन एवं अन्य गतिविधियों को लेकर द चैलेंज इनिशिएटिव (टीसीआई), इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकारों का एक दिवसिय कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसका उद्घाटन राज्य कार्यक्रम प्रबंधक मोहम्द मसूद आलम एवं राज्य वित्त प्रबंधक नयन कुमार, राज्य टीम लीडर- आशा प्रोसेस प्रनय कुमार, एनआईसी से कौशल किशोर, डॉक्टर संजीव कुमार बेलवाल अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुरादाबाद (मास्टरकोच-मुरादाबाद, यूपी) शहरी स्वास्थ्य सलाहकार (मास्टरकोच- सहारनपुर, यूपी) सचिन कपिल, पीएसआइ इंडिया की राष्ट्रीय नॉलेज मैनेजमेंट हेड दीप्ती मथुर और जनरल प्रबंधक मनीष सक्सेना और सीनियर कार्यक्रम प्रबंधक विवेक मालवीय के द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गयी।
अनुमोदित बजट का पूरा क्रियांवयन करना जरुरी:
बैठक को संबोधित करते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन मोहम्मद मसूद आलम ने कहा कि सरकार द्वारा अनुमोदित बजट का पूरा इस्तेमाल करना आवश्यक है। अनुमोदित राशि का पूरा इस्तेमाल नहीं होने से आगे की प्रस्तावित योजनाओं को पूरा करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में किये गए अच्छे कार्यों का अनुसरण ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं में भी किया जाता है और मॉडल टीकाकरण केंद्र तथा कोरोना संक्रमण के समय संचालित टीका एक्सप्रेस इसका एक सशक्त उदाहरण है। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य बिहार के सभी शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम वाले 22 जिलों को शहरी स्वास्थ्य एवम परिवार नियोजन सेवाओं को सुदॄढ़ करने हेतु उन्मुख करना है साथ ही साथ पिछले टीसीआई इंडिया के भौगोलिक क्षेत्र यूपी के उच्च प्रदर्शन वाले शहरों के मास्टर कोचों के अनुभव से सीखने में सहायता करके अपने शहरी स्वास्थ्य सलाहकार (मास्टर कोचों) को सक्षम और तैयार करना है। मसूद आलम ने बताया कि शहरी क्षेत्र में अर्बन हेल्थ को लेकर पी एस आई इंडिया के सहयोग से कार्य की जा रही है और हमारे राज्य ऑफिस के कुछ लोग युपी जाकर भी एक स्टडी और लर्निंग टूर कर के आये है। जिसका नतीजा ये हुआ की आज हम बिहार में भी उन बेस्ट प्रैक्टिस को इम्प्लीमेंट कर रहे है। मुझे उम्मीद है और यकीन है कि अच्छा आउटपुट आएगा।
22 जिलों की हुई समीक्षा:
कार्यक्रम में राज्य के पटना, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, नवादा, रोहतास, सारण, सिवान, भागलपुर, गया, औरंगाबाद, बेगुसराय, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, कटिहार, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पुर्णिया, सहरसा, वैशाली एवं पश्चिमी चंपारण जिलों की समीक्षा की गयी। नयन कुमार ने पीएसआई इंडिया को धन्यवाद दिया की इस तरह का कार्यशाला आयोजित कराई जहां सभी शहरी स्वास्थ्य केंद्र उपस्थित हो पाए और हमलोग अर्बन हेल्थ पर चर्चा कर पाएंगे। उन्होंने कहा की शहरी क्षेत्र के हिसाब से कैचमेंट एरिया की प्लानिंग की जाएगी और खर्च के अनुसार कार्य की समीक्षा की जाएगी।