यूपीएस लागू होने के खिलाफ आंदोलन के रूख पर स्वास्थ्यकर्मी, काला बिल्ला लगा जताया विरोध
सरकार द्वारा न्यू पेंशन स्कीम को बदल आज से ही लागू की गई है, लेकिन इसके लागू होते ही कर्मचारियों में बगावत के स्वर फूटने लगे है तथा कर्मियों ने यूपीएस के बदले पुराने पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग सरकार से की है।

- स्वास्थ्य कर्मियों ने यूपीएस को बताया कर्मचारियों की सेवा व निष्ठा के साथ मजाक, पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की उठाई आवाज
केटी न्यूज/डुमरांव
सरकार द्वारा न्यू पेंशन स्कीम को बदल आज से ही लागू की गई है, लेकिन इसके लागू होते ही कर्मचारियों में बगावत के स्वर फूटने लगे है तथा कर्मियों ने यूपीएस के बदले पुराने पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग सरकार से की है।
इस मुद्दे पर मंगलवार को डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में एनएमओपीएस की बिहार इकाई बिहार इकाई के आह्वान पर स्वास्थ्य कर्मियों ने काली पट्टी बांध एनपीएस तथा एकीकृत पेंशन योजना का विरोध किया तथा कहा कि सरकार यदि जल्दी इसे वापस ले पुराने पेंशन स्कीम को लागू नहीं करती है तो जल्दी ही सभी कर्मचारी संगठन मिलकर चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।
बता दें कि भारत सरकार द्वारा एकीकृत पेंशन योजना आज से ही लागू की गई है। ऐसे में कर्मियों ने इस दिवस को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया तथा इसी कड़ी में काला बिल्ला लगा ड्यूटि बजाई।इस दौरान केंद्र एवं बिहार सरकार के सभी सरकारी सेवकों द्वारा कार्य स्थल पर काला बिल्ला लगाकर अपने सरकारी कार्यों का शांतिपूर्वक निर्वहन किया।
अनुमंडलीय अस्पताल के फार्मासिस्ट संतोष कुमार ने बताया कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू करने की मांग आज देश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक प्रमुख मुद्दा बन चुकी है। पुरानी पेंशन योजना, जो 2004 से पहले लागू थी, सरकार द्वारा कर्मचारियों को उनके सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती थी।
मौके पर संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि ओपीएस के तहत एक निश्चित राशि, जीवनभर पेंशन के रूप में मिलती थी, जिससे कर्मचारी अपनी बुढ़ापे की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर पाते थे। 2004 के बाद, सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) लागू की, जिसमें पेंशन की गारंटी नहीं है। एनपीएस बाजार आधारित प्रणाली है, जहां रिटर्न पूरी तरह से शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। यह प्रणाली कर्मचारियों में असुरक्षा और वित्तीय तनाव पैदा करती है,
क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की आय अनिश्चित हो जाती है। पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह कर्मचारियों को न केवल आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उनके लंबे समय के योगदान और मेहनत का सम्मान भी करती है।
जबकि डॉ. सुमित सौरभ, डॉ. शिव कुमार, अजय सिंह, मृत्युंजय कुमार, संतोष कुमार, विकास कुमार, मनीष कुमार, सोनू कुमार, जमालुद्दीन अंसारी, सहित अन्य चिकित्साकर्मियों ने कहा कि एनपीएस में मिलने वाले लाभ सीमित हैं और महंगाई के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त नहीं हैं। इसके विपरीत, पुरानी पेंशन योजना एक स्थिर और निश्चित आय सुनिश्चित करती है,
जो एक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक है। उमा कुमारी ने कहा कि सरकार से यह अपेक्षा है कि वह कर्मचारियों की इस जायज मांग को गंभीरता से ले और पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू करे। यह न केवल कर्मचारियों के विश्वास को बढ़ाएगा, बल्कि सामाजिक सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाएगा।