कच्ची शराब का अवैध कारोबार जारी, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

बलिया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जनपदीय पुलिस शराब, बीयर, बार, गांजा आदि की दुकानों और ईंट भट्ठों पर छापेमारी कर रही है, लेकिन नगरा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बन रही कच्ची शराब पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

कच्ची शराब का अवैध कारोबार जारी, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

केटी न्यूज़/ बलिया 

बलिया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जनपदीय पुलिस शराब, बीयर, बार, गांजा आदि की दुकानों और ईंट भट्ठों पर छापेमारी कर रही है, लेकिन नगरा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बन रही कच्ची शराब पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसका नतीजा है कि पुलिस की मिलीभगत से यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है, और उनकी कमाई भी हो रही है।  

कच्ची शराब के सेवन से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और कई परिवार उजड़ गए हैं। 2007 में भीमपुरा थाना क्षेत्र के सिहोरी डीह ईंट भट्ठे पर कच्ची शराब को लेकर हुए अपराध को लोग आज भी नहीं भूले हैं। उस समय शराब माफियाओं ने झारखंड के आदिवासी मजदूरों के साथ मारपीट की थी और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया था। इस घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया था, और महिला आयोग समेत कई संगठनों ने विरोध दर्ज कराया था।  

उस घटना के बाद प्रदेश सरकार ने ईंट भट्ठों पर कच्ची शराब बनाने पर रोक के सख्त निर्देश दिए थे। लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। आज भी नगरा क्षेत्र में यह कारोबार पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से जारी है।  

कच्ची शराब से होने वाली मौतों पर पुलिस कुछ दिन छापेमारी कर दिखावा करती है। बाद में, मृतकों के परिवारों को समझा दिया जाता है कि पोस्टमार्टम में शराब की पुष्टि होने पर सरकारी लाभ नहीं मिलेगा। परिवार बहकावे में आकर पंचनामा भर देते हैं, और पुलिस-आबकारी विभाग फिर से गोरखधंधा शुरू कर देता है।  इस लापरवाही के कारण कच्ची शराब का अवैध कारोबार नगरा क्षेत्र में खुलेआम चल रहा है।