कोरोना को लेकर तैयारी पूरी रखने के दिए गए निर्देश

कोरोना को लेकर तैयारी पूरी रखने के दिए गए निर्देश

 - पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट और ऑक्सीजन से जुड़े हुए तमाम उपकरण को रखा जाये क्रियाशील 

- ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन को चालू रखना किया जायेगा सुनिश्चित 

- जिले में बढ़ाई जाएगी कोरोना जांच की संख्या 

केटी नयूज/बक्सर

सूबे में कोरोना संक्रमण के प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में है। जिला के अस्पतालों को कोविड संबंधित तैयारियों को दुरुस्त करने एवं रखने का निर्देश दिया गया है। अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, प्रत्यय अमृत एवं कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार संजय कुमार सिंह ने विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से जिले के सिविल सर्जन को कोरोना के संभावित संक्रमण प्रसार को देखते हुए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में पूरी तैयारी रखने का निर्देश दिया है। 

ऑक्सीजन से जुड़े हुए तमाम उपकरण को रखा जायेगा क्रियाशील: 

अपर मुख्य सचिव और कार्यपालक निदेशक ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए सभी पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट और ऑक्सीजन से जुड़े हुए तमाम उपकरण उपस्कर को क्रियाशील अवस्था में रखा जाए। जारी निर्देश में बताया गया है कि ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट आदि में किसी भी तकनीकी गड़बड़ी को तुरंत ठीक किया जाये और इसकी सूचना तत्काल राज्य स्वास्थ्य समिति को दिया जाये। सिविल सर्जन औऱ जिला कार्यक्रम प्रबंधक सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं अस्पताल प्रबंधक को सूचित कर दें कि पीएसए प्लांट पर स्वयं जाकर अपनी उपस्थिति में भी पीएसए प्लांट्स को चलवा कर देख लें कि वह क्रियाशील अवस्था में है अथवा नहीं।

जिले में बढ़ाई जाएगी कोरोना जांच की संख्या:

निर्देश दिया गया है कि जिले में सभी संदिग्ध लोगों की कोरोना जांच की जाये और अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड सुरक्षित रखा जाये। जिले में अस्पतालों में कार्यरत सुरक्षा गार्ड्स के सेवा प्रदाता एजेंसी को इस संबंध में ताकीद करें और सुरक्षा करने को कहें। 

ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन को चालू रखना किया जायेगा सुनिश्चित:

विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि मेडिकल गैस पाइपलाइन को चालू अवस्था में रखा जाना है। इसके लिए उसे एक बार अपनी उपस्थिति में बेड तक जाकर देखना और उसकी क्रियाशीलता सुनिश्चित करना है। बताया गया है कि मेडिकल ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन की चोरी होने पर स्पष्ट रूप से अस्पताल प्रबंधन की इसकी जिम्मेदारी होगी।