डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजों के साथ हो रही नाइंसाफी, नहीं मिल रहा उचित इलाज: एनडीए विधान सभा प्रभारी

अनुमंडलीय अस्पताल में कई विभाग ऐसे हैं, जिसके डाक्टर मौजूद नहीं है, जिसके पदस्थापित भी हैं तो समय से ड्यूटी नहीं करते। कोई डाक्टर छह दिन लगातार ड्यूटी नहीं करता है, जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है। बुधवार को एनडीए के विधान सभा प्रभारी रवि उज्जवल कुशवाहा को अस्पताल में डाक्टरों की मनमानी की शिकायत मिलने पर चले गए अनुमंडलीय अस्पताल का निरीक्षण करने। उन्होंने पहुंचते ही सबसे पहले ओपीडी का निरीक्षण किया। ओपीडी में जेनरल फीजिसियन की जगह पर आयुर्वेदिक चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे थे।

डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजों के साथ हो रही नाइंसाफी, नहीं मिल रहा उचित इलाज: एनडीए विधान सभा प्रभारी

- जेनरल फीसियन की जगह आयुर्वेदिक चिकित्सक बैठ करते हैं मरीजों का इलाज

- जदयू विधान सभा प्रभारी के निरीक्षण के दौरान मिली गड़बड़ी

केटी न्यूज/डुमरांव   

अनुमंडलीय अस्पताल में कई विभाग ऐसे हैं, जिसके डाक्टर मौजूद नहीं है, जिसके पदस्थापित भी हैं तो समय से ड्यूटी नहीं करते। कोई डाक्टर छह दिन लगातार ड्यूटी नहीं करता है, जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है। बुधवार को एनडीए के विधान सभा प्रभारी रवि उज्जवल कुशवाहा को अस्पताल में डाक्टरों की मनमानी की शिकायत मिलने पर चले गए अनुमंडलीय अस्पताल का निरीक्षण करने। उन्होंने पहुंचते ही सबसे पहले ओपीडी का निरीक्षण किया। ओपीडी में जेनरल फीजिसियन की जगह पर आयुर्वेदिक चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे थे। मरीजों की लंबी कतार लगी हुई थी।

  जबकि दंत चिकित्सक और महिला डाक्टर अपने चेम्बर में मौजूद थे, लेकिन उनके यहां पर भीड़ नहीं थी। भीड़ देख विधान सभा प्रभारी उनके चेम्बर में पहुंच उनसे पूछा की आप अकेले ही ड्यूटी कर रहे हैं, अन्य चिकित्सक नहीं हैं। फिर उन्होंने बताया की दंत और महिला चिकित्सक मौजूद हैं। उन्होंने ओपीडी में बैठे चिकित्सक से बात किया की आप किस विभाग के चिकित्सक हैं, उन्होंने बताया की मैं यूनानी आयुर्वेद का हूं।

फिर उन्होंने उनसे पूछा की आप सभी मरीजों देख रहे हैं और अंग्रेजी दवा लिख रहे हैं। इस पर वे सकपका गए और बोला की नहीं मैं नहीं लिख रहा हूं। फिर लोगों से पूछा की हमलोगों को इन्हीं के पास दिखाने के लिये बोला गया है। फिर उन्होंने पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें प्रबंधक के कक्ष में ताला लटका हुआ था। फिर डीएस डा. गिरीश कुमार के चेम्बर में पहुंचे तो उसमें भी ताला लटका हुआ था। उन्होंने कहा की अस्पताल प्रबंधक का ड्यूटी पर रहना अनिवार्य है, जिससे लोगों को जानकारी मिले की कौन डाक्टर छुट्टी पर है और किसकी ड्यूटी है, लेकिन इसकी जानकारी देने वाला वहां कोई मौजूद नहीं था।

फिर उन्होंने कैंटीन का निरीक्षण किया, जहां सबकुछ सही पाया और वहां के समानों को चखकर बताया की खाना भी स्वादिस्ट और सही है। उन्होंने प्रेस को संबोंधित करते हुए कहा कि इसकी शिकायत पटना में विभाग के वरीय अधिकारियों से की जाएगी। निरीक्षण का उन्होंने वीडीओ रिकार्डिंग भी करवाया। जबतक विधान सभा प्रभारी मौजूद रहे अस्पताल में हड़कंप मची रही।