डेंगू के लक्षण दिखने पर तत्काल कराएं प्लेटलेट्स की जांच - डॉ. शैलेंद्र
- मच्छर जनित रोगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, प्रखंडों को निर्देश जारी
- लोगों को मच्छर व मच्छर जनित रोगों के प्रति कर रहे जागरूक
केटी न्यूज/बक्सर
बारिश के मौसम में जलजामव के कारण मच्छर जनित रोगों का प्रकोप बढ़ने की संभावना को देखते हुए जिला स्वास्थ्य समिति अलर्ट मोड पर है। इसके लिए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग ने सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सकों को मच्छर जनित रोगों के प्रबंधन को लेकर आवश्यक व्यवस्था पूरी करने का निर्देश जारी किया है। ताकि, मरीजों की पुष्टि होने पर तत्काल उनका इलाज शुरू किया जा सके। साथ ही, जलजमाव वाले इलाकों में लोगों को मच्छरों के प्रबंधन की जानकारी के साथ बचाव को लेकर भी जागरूक करने का निर्देश जारी किया है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने लोगों को सोते समय मच्छरदानी का अनिवार्य रूप से प्रयोग करने की अपील की है। साथ ही, गर्भवती महिला तथा बच्चे को पूरे बांह वाले कपड़े पहनने की सलाह दी है। मच्छरों को दूर रखने वाले क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर सूरज निकलने के दो घंटा बाद और सूरज डूबने के दो घंटा पहले सक्रिय होते और इसी दौरान सबसे अधिक काटते हैं।
प्लेटलेट 20 हजार से कम होने पर स्थिति चिंताजनक
डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, डेंगू होने पर प्लेटलेट 20 हजार से कम हो तभी चिंतित होने की आवश्यकता है। डेंगू में दूसरे सप्ताह में लक्षण खतरनाक हो जाता है। पेट में दर्द, उल्टी और पेशाब कम होता है। वहीं, शरीर पर चकते होने लगते हैं। लक्षण दिखने पर लोगों को तत्काल अपने नजदीक के सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए। ताकि, समय से मरीज का इलाज शुरू हो सके। उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों एवं जांच घरों में डेंगू की जांच रैपिड डायग्नोस्टिक किट से होती है। जांच में एनएस-1 पॉजिटिव आने पर मरीज में डेंगू की घोषणा की जाती है। हालांकि रैपिड डायग्नोस्टिक किट से जांच कर डेंगू के लक्षण वाले रोगी चिह्नित किए जा सकते हैं। लेकिन, यह जांच डेंगू होने की पूरी तौर पर पुष्टि नहीं करती है। सदर अस्पताल में एनएस-1 से जांच की सुविधा उपलब्ध है।
साफ सफाई रखें और जलजमाव नहीं होने दें
डॉ. कुमार ने बताया, डेंगू के लक्षण सात दिन के अंदर स्पष्ट होने लगते हैं। दर्द, उल्टी, बुखार, आंखों के पीछे दर्द होना इसके विशेष लक्षण हैं। मरीज के शरीर में बहुत अधिक दर्द रहता है। एक व्यक्ति के बुखार से संक्रमित होने पर इसका खतरा अन्य लोगों को भी होता है। बरसात के मौसम के खत्म होने और सर्दियों का मौसम शुरू होने के बीच लोगों को और भी सतर्क होने की जरूरत है। यह मौसम डेंगू के अनुकूल होता है। इसलिए घर के आसपास सफाई रखें और जलजमाव नहीं होने दें। उन्होंने बताया कि जमे हुए पानी में मच्छर का लार्वा पनपता है। इसलिए घर में कूलर, गमला आदि में पानी न जमा होने दें। मच्छर के पनपने का कोई का भी रास्ता नहीं छोड़ें। ऐसा करने से डेंगू के साथ मच्छरों से होने वाली अन्य बीमारियों से भी बचाव होगा।